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china – News n Feeds https://newsnfeeds.com Latest ,Bollywood,Sports,World,Fashion, Gujarati News Fri, 16 Oct 2020 06:45:37 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.2.5 184021953 ચીનને જબરદસ્ત ફટકો, ભારતે હવે આ વસ્તુની આયાત પર મૂક્યો પ્રતિબંધ https://newsnfeeds.com/a-huge-blow-to-china-india-has-now-imposed-a-ban-on-the-import-of-this-item/ Fri, 16 Oct 2020 06:45:37 +0000 https://newsnfeeds.com/?p=157150 સરકારે રેફ્રિજરેન્ટવાળા એર કન્ડિશનરની આયાત પર પ્રતિબંધ મૂક્યો છે. સરકારે આ પગલું ઘરેલું મેન્યુફેક્ચરિંગને પ્રોત્સાહન આપવા અને બિનજરૂરી આઈટમ્સની આયાતમાં કાપ મૂકવા માટે ઉઠાવ્યું છે. ડાઈરેક્ટોરેટ જનરલ ઓફ ટ્રેડ તરફથી બહાર પાડવામાં આવેલા એક નોટિફિકેશનમાં કહેવાયું છે કે એર કન્ડિશનર્સની સાથે રેફ્રિજરેન્ટ્સની ઈમ્પોર્ટ પોલીસીને ફ્રી માંથી પ્રતિબંધિતની શ્રેણીમાં સંશોધિત કરાયું છે. સરકાર સતત ઘરેલુ મેન્યુફેક્ચરિંગને […]

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સરકારે રેફ્રિજરેન્ટવાળા એર કન્ડિશનરની આયાત પર પ્રતિબંધ મૂક્યો છે. સરકારે આ પગલું ઘરેલું મેન્યુફેક્ચરિંગને પ્રોત્સાહન આપવા અને બિનજરૂરી આઈટમ્સની આયાતમાં કાપ મૂકવા માટે ઉઠાવ્યું છે.

ડાઈરેક્ટોરેટ જનરલ ઓફ ટ્રેડ તરફથી બહાર પાડવામાં આવેલા એક નોટિફિકેશનમાં કહેવાયું છે કે એર કન્ડિશનર્સની સાથે રેફ્રિજરેન્ટ્સની ઈમ્પોર્ટ પોલીસીને ફ્રી માંથી પ્રતિબંધિતની શ્રેણીમાં સંશોધિત કરાયું છે.

સરકાર સતત ઘરેલુ મેન્યુફેક્ચરિંગને પ્રોત્સાહન આપવા માટે બિનજરૂરી વસ્તુઓના આયાત બિલને ઘટાડવા માટે પગલું ભરી રહી છે. આ અગાઉ જૂનમાં સરકારે કારો, બસો, ટ્રકો અને મોટરસાઈકલોમાં ઉપયોગમાં લેવાતા કેટલાક નવા ન્યૂમેટિક ટાયરોની આયાત પર પ્રતિબંધ લગાવ્યો હતો. તે પહેલા સરકારે ટેલિવિઝિનથી લઈને રક્ષા ઉપકરણોની નિકાસ ઉપર પર પ્રતિબંધ લાદ્યો હતો.

અત્રે જણાવવાનું કે ચીન અને થાઈલેન્ડ ભારત માટે એર કન્ડીશનર્સના ટોપ એક્સપોર્ટર્સ છે. સરકારી આંકડા મુજબ બંને દેશોમાંથી ભારતમાં 90 ટકા સામાન આયાત થાય છે.

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रोहतांग में दुनिया की सबसे लंबी 10 हजार फीट की ऊंचाई पर बनी अटल टनल का पीएम मोदी ने किया उद्घाटन, जानें इस सुरंग की खासियत https://newsnfeeds.com/rohtang-in-the-world-of-all/ Sat, 03 Oct 2020 08:36:28 +0000 https://newsnfeeds.com/?p=156796 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को रोहतांग में अटल टनल का उद्घाटन किया। करीब 10 हजार फीट की ऊंचाई पर बनी यह दुनिया की सबसे लंबी टनल है। इसकी लंबाई 9.2 किमी है। इसे बनाने में 10 साल का वक्त लगा। हिमालय की पीर पंजाल पर्वत रेंज में रोहतांग पास के नीचे लेह-मनाली हाईवे पर […]

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को रोहतांग में अटल टनल का उद्घाटन किया। करीब 10 हजार फीट की ऊंचाई पर बनी यह दुनिया की सबसे लंबी टनल है। इसकी लंबाई 9.2 किमी है। इसे बनाने में 10 साल का वक्त लगा।

हिमालय की पीर पंजाल पर्वत रेंज में रोहतांग पास के नीचे लेह-मनाली हाईवे पर इस बनाया गया है। इससे मनाली और लेह के बीच की दूरी 46 किलोमीटर कम हो जाएगी और चार घंटे की बचत होगी। इसका नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा गया है।

 

मोदी के भाषण की अहम बातें

  • आज सिर्फ अटल जी का ही सपना पूरा नहीं हुआ है। आज हिमाचल प्रदेश के करोड़ों लोगों का भी दशकों पुराना इंतजार खत्म हुआ है। मेरा सौभाग्य है कि मुझे आज अटल टनल के लोकार्पण का अवसर मिला। राजनाथ जी ने बताया कि मैं यहां संगठन का काम देखता था। पहाड़ों-वादियों में बहुत उत्तम समय बिताता था। जब अटल जी मनाली में आकर रहते थे, तो उनके साथ गप्पें लड़ाता था। मैं और धूमल जी जिसे लेकर अटल जी से जो बात करते रहते थे, वो आज सिद्धी बन गया है।
  • लोकार्पण की चकाचौंध में वे लोग पीछे रह जाते हैं जिनकी मेहनत से ये पूरा होता है। उनकी मेहनत से इस संकल्प को आज पूरा किया गया है। इस महायज्ञ में पसीना बहाने वाले, जान जोखिम में डालने वाले मेहनतकश जवानों, मजदूर भाई-बहनों और इंजीनियरों को मैं प्रणाम करता हूं।
  • ये टनल भारत के बॉर्डर इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी नई ताकत देने वाली है। हिमालय का ये हिस्सा हो, पश्चिम भारत में रेगिस्तान का विस्तार हो या फिर दक्षिण और पूर्वी भारत का तटीय इलाका। हमेशा से यहां के इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने की मांग उठती रही है। लेकिन लंबे समय से बॉर्डर इन्फ्रास्ट्रक्चर के प्रोजेक्ट या तो प्लानिंग के लेवल से ही नहीं निकल पाए या फिर अटक गए, लटक गए या भटक गए।
  • एक्सपर्ट बताते हैं कि जिस रफ्तार से 2014 में अटल टनल का काम हो रहा था, अगर उसी रफ्तार से काम चला होता तो ये सुरंग साल 2040 में जाकर पूरा हो पाती। आपकी आज जो उम्र है, उसमें 20 वर्ष और जोड़ लीजिए, तब जाकर लोगों के जीवन में ये दिन आता।

इससे क्या फायदा होगा?

  • टनल से मनाली और लाहौल-स्पीति घाटी 12 महीने जुड़े रहेंगे। भारी बर्फबारी की वजह से इस घाटी का छह महीने तक संपर्क टूट जाता है।
  • टनल का साउथ पोर्टल मनाली से 25 किमी है। वहीं, नॉर्थ पोर्टल लाहौल घाटी में सिसु के तेलिंग गांव के नजदीक है।
  • टनल से गुजरते वक्त ऐसा लगेगा कि सीधी-सपाट सड़क पर चले जा रहे हैं, लेकिन टनल के एक हिस्से और दूसरे में 60 मीटर ऊंचाई का फर्क है। साउथ पोर्टल समुद्र तल से 3000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जबकि नॉर्थ पोर्टल 3060 मीटर ऊंचा है।

टनल की खासियत 
– 46 किलोमीटर कम हो जाएगी मनाली और लेह के बीच दूरी
– लाहौल स्पीति और लेह-लद्दाख के बीच हर मौसम में आवागमन सुचारू होगा
– हर 60 मीटर पर एक अग्नि शामक
– हर 150 मीटर पर टेलीफोन उपलब्ध होगा
– हर 250 मीटर पर सीसीटीवी कैमरे, प्रसारण प्रणाली, हादसों का स्वत: पता लगाने की प्रणाली
– हर 500 मीटर पर आपातकालीन निकास सुविधा
– हर एक किलोमीटर में हवा की गुणवत्ता निगरानी
– हर 2.2 किलोमीटर की दूरी पर मोड़
– यह 10.5-मीटर चौड़ी सिंगल ट्यूब बाय-लेन टनल है

पहले यह रिकॉर्ड चीन के नाम था
अटल टनल से पहले यह रिकॉर्ड चीन के तिब्बत में बनी सुरंग के नाम था। यह ल्हासा और न्यिंग्ची के बीच 400 किमी लंबे हाईवे पर बनी है। इसकी लंबाई 5.7 किमी है। इसे मिला माउंटेन पर बनाया गया है। इसकी ऊंचाई 4750 मीटर यानी 15583 फीट है। इसे बनाने में 38500 करोड़ रुपए खर्च हुए। यह 2019 में शुरू हुई।

हॉस्पिटल में अमेरिकन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प

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भारत के बाद ताइवान में चीन की घुसपैठ: ताइवान सीमा पार से 18 चीनी लड़ाकू विमानों ने उड़ान भरी, कहा- चीन की सरकार-अमेरिका और ताइवान आग से नहीं खेलेंगे https://newsnfeeds.com/india-after-taiwan-in-china/ Sat, 19 Sep 2020 11:53:45 +0000 https://newsnfeeds.com/?p=156597 चीन ने यह तब किया जब अमेरिकी अवर सचिव कीथ क्रिच ताइवान में मौजूद थे चीन ने दक्षिण चीन सागर में छोटे देशों को दी धमकी, कहा- ताइवान का समर्थन करने के लिए अमेरिका तैयार चीन के अठारह लड़ाकू विमानों ने शुक्रवार शाम को ताइवान के हवाई क्षेत्र में प्रवेश कर लिया है । लड़ाकू […]

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  • चीन ने यह तब किया जब अमेरिकी अवर सचिव कीथ क्रिच ताइवान में मौजूद थे
  • चीन ने दक्षिण चीन सागर में छोटे देशों को दी धमकी, कहा- ताइवान का समर्थन करने के लिए अमेरिका तैयार

चीन के अठारह लड़ाकू विमानों ने शुक्रवार शाम को ताइवान के हवाई क्षेत्र में प्रवेश कर लिया है । लड़ाकू विमानों ने वहां कुछ मिनटों के लिए उड़ान भरी और लौट गए। तब चीन ने कहा था कि यह अमेरिका और ताइवान के लिए चेतावनी है। गौरतलब है कि अमेरिका के अवर सचिव कीथ क्रिच ताइवान की राजधानी ताइपा में एक कार्यक्रम में मौजूद थे, जब लड़ाकू विमान ताइवान के आसमान में उड़ रहे थे।

चीन के रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी का एक बयान ताइवान सीमा से चीनी लड़ाकू विमानों के लौटने के कुछ देर बाद आया है । कर्नल रेन गुओकिना ने कहा कि जो लोग आग से खेलने की कोशिश करेंगे, वे जल जाएंगे। वहां के एक सरकारी थिंक टैंक ने कहा, यह अमेरिका और ताइवान दोनों के लिए चेतावनी है ।

भारत के बाद अब चीन ताइवान में घुसपैठ की कोशिश कर रहा है। जून से चीन लद्दाख में घुसपैठ की कोशिश कर रहा है। चीन ने भी हाल ही में खबर दी है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत 10 हजार लोग जासूसी कर रहे हैं।

अमेरिका ने कोई जवाब नहीं दिया

दो महीने में यह दूसरा मौका है जब डोनाल्ड ट्रंप ने ताइवान में एक मंत्रिस्तरीय अधिकारी को भेजा है । 1979 के बाद से अमेरिका का कोई शीर्ष अधिकारी ताइवान नहीं गया था। हालांकि दोनों देशों के राजनीतिक संबंध काफी अच्छे हैं। चीन ने अभी तक अमेरिका को कोई जवाब नहीं दिया है।

                  अमेरिका के अवर सचिव कीथ क्रिच गुरुवार को ताइवान की राजधानी ताइपे पहुंचे
अमेरिका ताइवान में शामिल
इसके फैलने के बाद से शी जिनपिंग सरकार ने ताइवान की खाड़ी और दक्षिण चीन सागर के छोटे देशों पर दबाव बढ़ा दिया है । चीन की सरकार ताइवान को अपना हिस्सा मानती है। दरअसल, ताइवान एक स्वतंत्र देश है। अमेरिका ने ताइवान का खुलकर समर्थन किया है । दोनों देशों के बीच अरब डॉलर के रक्षा सौदे पर भी हस्ताक्षर होने की बात तय है । कुछ ही महीनों में चीन ने कई बार ताइवान की हवाई और समुद्री सीमाओं का उल्लंघन किया है । लेकिन पहली बार इतनी बड़ी संख्या में लड़ाकू विमान ताइवान की सीमा में दाखिल हुए हैं।

ताइवान ने बदला था
ताइवान ने पहले ही अपने एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम को एक्टिव और हाई अलर्ट पर रखा था जब चीनी फाइटर जेट ताइवान के आसमान पर पहुंच गए थे । हालांकि ताइवान से जवाबी कार्रवाई के संदेह में चीन के विमान तुरंत लौट गए। बुधवार को चीन के दो लड़ाकू विमान ताइवान के हवाई क्षेत्र में पहले ही प्रवेश कर चुके थे ।

 

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ધ ઈકોનોમિસ્ટમાંથી:ગ્રીન એનર્જી તરફ આગળ વધતી દુનિયામાં મોટાં પરિવર્તનની સંભાવના, થોડા સમય માટે ચીનનો દબદબો વધશે https://newsnfeeds.com/from-the-economist-the-prospect-of-big-change-in-the-world-moving-towards-green-energy/ Sat, 19 Sep 2020 09:51:40 +0000 https://newsnfeeds.com/?p=156588 સૌર ઊર્જા અને પવનથી વીજળી ઉત્પન્ન કરતી કંપનીઓના શેરોમાં ચાલુ વર્ષે 45%નો વધારો થયો છે તેલે વીસમી સદીમાં તેની કારો, યુદ્ધો, અર્થતંત્ર અને દુનિયાની રાજનીતિને ચલાવી છે. હવે ઊર્જાના ક્ષેત્રમાં દુનિયા નવી વ્યવસ્થા તરફ આગળ વધી રહી છે. કોરોના વાઈરસ મહામારીથી વૈશ્વિક અર્થતંત્રને આઘાત લાગવાની સાથે તેલની માગ 20% જેટલી ઘટી છે. અશ્મીભૂત ઈંધણ-પેટ્રોલ, ડીઝળ, […]

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સૌર ઊર્જા અને પવનથી વીજળી ઉત્પન્ન કરતી કંપનીઓના શેરોમાં ચાલુ વર્ષે 45%નો વધારો થયો છે તેલે વીસમી સદીમાં તેની કારો, યુદ્ધો, અર્થતંત્ર અને દુનિયાની રાજનીતિને ચલાવી છે. હવે ઊર્જાના ક્ષેત્રમાં દુનિયા નવી વ્યવસ્થા તરફ આગળ વધી રહી છે. કોરોના વાઈરસ મહામારીથી વૈશ્વિક અર્થતંત્રને આઘાત લાગવાની સાથે તેલની માગ 20% જેટલી ઘટી છે. અશ્મીભૂત ઈંધણ-પેટ્રોલ, ડીઝળ, કોલસા ઉત્પાદકો સામે અઘરી સ્થિતિ છે. બીજી તરફ, છેલ્લા કેટલાક વર્ષમાં અમેરિકા વિશ્વનું સૌથી મોટા તેલ, ગેસ ઉત્પાદક બન્યું છે. બીજી તરફ ચીન તેલનો સૌથી વધુ ઉપયોગ કરે છે. તેમ છતાં, અમેરિકા તેની સામે મુશ્કેલી પેદા નહીં કરી શકે. ગ્રીન એનર્જીની ટેક્નોલોજીમાં સૌથી આગળ હોવાને લીધે ચીનનો દબદબો વધશે.

હવે તેલની સ્થિતિ અગાઉ જેવી નહીં રહે. સાઉદી અરબ જેવા પેટ્રો દેશોને ખર્ચ ચલાવવા માટે તેલની કિંમત 70-80 ડોલર બેરલ હોવી જોઈએ. આજે તેલની કિંમત 40 ડોલર બેરલની આસપાસ છે. બદલાયેલા વાતાવરણમાં સ્વચ્છ ઊર્જા તરફ સૌ વળ્યા છે. ચાલુ વર્ષે સ્વચ્છ ઊર્જા આધારિત કંપનીઓના શેર 45% વધ્યા છે. જળવાયુ પરિવર્તનને કારણે લોકો જાગૃત થયા છે. યુરોપિયન યુનિયને કોવિડ-19થી બચાવમાં પોતાની 880 અબજ ડોલરની યોજનાના 30% જળવાયુ પરિવર્તન ઉપાયો માટે રાખ્યા છે.

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21મી સદીની એનર્જી સિસ્ટમ તેલ યુગની સરખામણીએ માનવીય આરોગ્ય માટે સારી હશે. રાજકીય સ્થિરતા વધુ રહેશે, અર્થતંત્ર ઓછું અસ્થિર બનશે. જોકે, આ પરિવર્તનની સાથે મોટા જોખમ જોડાયેલા છે. જો અરાજકતા ફેલાઈ તો તેલ પર આધારિત દેશોમાં રાજકીય, આર્થિક અસ્થિરતા પગ ફેલાવશે. ગ્રીન અનર્જી સપ્લાય ચેન પર ચીનનો દબદબો બની જશે.

આજે, 85% ઊર્જાનો સ્રોત અશ્મીભૂત ઈંધણ છે. તેનાથી વિશ્વમાં બે તૃતિયાંશ ગ્રીન હાઉસ ગેસોનું ઉત્સર્જન થાય છે. ઈંધણના સળગવાથી 40 લાખથી વધુ લોકો દર વર્ષે મરી જાય છે. તેલે રાજકીય અસ્થિરતા પેદા કરી છે. અનેક દાયકાઓથી વેનેઝુએલા અને સાઉદી અરબ જેવા દેશ જનતાને મફત સુવિધાઓ આપવાની રાજનીતિ પર આશ્રિત છે. તેમણે પોતાના અર્થતંત્રના વિકાસનો પ્રયાસ જ કર્યો નથી. આ દેશો પર મહાસત્તાઓનો પ્રભાવ છે. તેલનું બજાર ગઠબંધનથી ચાલે છે. 1970 પછી 62 વખત છ મહિના જેટલા સમય માટે તેલની કિંમતોમાં 30% જેટલો ઉતાર-ચઢાવ આવ્યો છે.

સ્વચ્છ ઊર્જા સ્રોતની ટેક્નોલોજી બાબતે પ્રભુત્વના કારણે સરમુખત્યાર ચીનનો દબદબો થોડા સમય માટે વધી જશે. અત્યારે ચીનની કંપનીઓ સોલર એનર્જીની 72% સિસ્ટમ, 69% લિથિયમ બેટરી અને 45% વિન્ડ ટરબાઈન બનાવે છે. સ્વચ્છ ઉર્જા માટે મહત્ત્વપૂર્ણ કોબાલ્ટ અને લિથિયમ જેવા ખનિજોના ખાણકામ પર પણ તેનું નિયંત્રણ છે. ચીન આગળ જતાં પેટ્રો દેશના બદલે ઈલેક્ટ્રો દેશ બની જશે. તેણે છેલ્લા 6 મહિનામાં ઈલેક્ટ્રિક કારોના નિર્માણમાં રોકાણ કર્યું છે. પાકિસ્તાનમાં પરમાણુ વીજળીઘર બનાવ્યું છે.

થાઈલેન્ડમાં સ્વચ્છતા માટે અનોખી પહેલ:પાર્કમાં જે પર્યટકો કચરો ફેંકશે, મેનેજમેન્ટ તે જ કચરો નોટિસની સાથે તેમના ઘરે કુરિયરમાં મોકલશે

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ભારત પછી ચીનની તાઈવાનમાં ઘુસણખોરી:ચીનના 18 ફાઈટર જેટ્સે તાઈવાનની સીમામાં ઉડાન ભરી https://newsnfeeds.com/china-infiltrates-taiwan-after-india-18-chinese-fighter-jets-fly-over-taiwan/ Sat, 19 Sep 2020 09:36:19 +0000 https://newsnfeeds.com/?p=156577 ચીને આ હરકત ત્યારે કરી જ્યારે અમેરિકાના અંડર સેક્રેટરી કીથ ક્રેચ તાઈવાનમાં હાજર હતા સાઉથ ચાઈના સી માં ચીન નાના દેશોને ધમકાવી રહ્યું છે, અમેરિકાએ કહ્યું- તાઈવાનનો સાથ આપવા તૈયાર ચીનના 18 ફાઈટર જેટ્સે શુક્રવારે સાંજે તાઈવાનના હવાઈ વિસ્તારમાં ઘુસણખોરી કરી છે. આ ફાઈટર જેટ્સે ત્યાં અમુક મીનિટો સુધી ઉડાન ભરી અને પરત ફર્યા. ત્યારપછી […]

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  • ચીને આ હરકત ત્યારે કરી જ્યારે અમેરિકાના અંડર સેક્રેટરી કીથ ક્રેચ તાઈવાનમાં હાજર હતા
  • સાઉથ ચાઈના સી માં ચીન નાના દેશોને ધમકાવી રહ્યું છે, અમેરિકાએ કહ્યું- તાઈવાનનો સાથ આપવા તૈયાર
  • ચીનના 18 ફાઈટર જેટ્સે શુક્રવારે સાંજે તાઈવાનના હવાઈ વિસ્તારમાં ઘુસણખોરી કરી છે. આ ફાઈટર જેટ્સે ત્યાં અમુક મીનિટો સુધી ઉડાન ભરી અને પરત ફર્યા. ત્યારપછી ચીને કહ્યું કે, આ અમારા તરફથી અમેરિકા અને તાઈવાનને વોર્નિંગ છે. ખાસ વાત એ છે કે, જે સમયે આ ફાઈટર જેટ્સ તાઈવાનના આકાશમાં ઉડાન ભરી રહ્યા હતા ત્યારે અમેરિકાના અંડર સેક્રેટરી કીથ ક્રેચ તાઈવાનના પાટનગર તાઈપાના એક કાર્યક્રમમાં હાજર હતા.

    ચીનના ફાઈટર જેટ્સ જ્યારે તાઈવાનની સીમામાંથી પરત ફર્યા તેની થોડી વાર પછી ચીનના રક્ષા મંત્રાલયના એક સીનિયર ઓફિસરનું નિવેદન આવ્યું હતું. કર્નલ રેન ગુઓકિંયાગે કહ્યું હતું- જે લોકો આગ સાથે રમવાનો પ્રયત્ન કરશે તે દાઝી જશે. ત્યાંના એક સરકારી થિંક ટેન્કે કહ્યું- અમારા તરફથી આ અમેરિકા અને તાઈવાન બંને માટે વોર્નિંગ છે.

  • fiterjat-newsnfeeds
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  • બે મહિનામાં આવું બીજી વખત થયું છે જ્યારે ડોનાલ્ડ ટ્રમ્પે કોઈ મંત્રી સ્તરના ઓફિસરને તાઈવાન મોકલ્યા છે. 1979 પછી અમેરિકાના કોઈ મોટા ઓફિસર તાઈવાન જતા નહતા. જોકે બંને દેશો વચ્ચે રાજકીય સંબંધો ઘણાં સારા છે. ચીનીન આ હરકત વિશે અમેરિકાએ હજી કોઈ જવાબ આપ્યો નથી.
  • જે દરમિયાન ચીની ફાઈટર જેટ્સ તાઈવાનના આકાશમાં પહોંચ્યા ત્યારે જ તાઈવાને તેમના એર ડિફેન્સ મિસાઈલ સિસ્ટમને એક્ટિવ અને હાઈ એલર્ટ પર મુકી દીધા હતા. જોકે તાઈવાન તરફથી જવાબી કાર્યવાહીની શંકાએ ચીન એરક્રાફ્ટ્સ તુરંત પરત ફર્યા હતા. બુધવારે પણ ચીનના બે ફાઈટર જેટ્સ તાઈવાનની હવાઈ સીમામાં ઘુસણખોરી કરી ચૂક્યા હતા.
  • देखिये इस बॉलीवुड हीरोइन की दिल धड़क तस्वीरें

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    लेह से ग्राउंड रिपोर्ट:इस बार लद्दाख में सर्दियां सेना के लिए सबसे महंगी होंगी, 1962 के बाद पहली बार चीन सीमा से सटी पोस्ट सर्दियों में भी खाली नहीं करेगी भारतीय सेना https://newsnfeeds.com/leh-to-ground-report/ Thu, 17 Sep 2020 09:05:50 +0000 https://newsnfeeds.com/?p=156457 19 हजार फीट की ऊंचाई पर बनी सेना की चौकियों पर एक सैनिक का सालाना का खर्च 17 से 20 लाख रुपए, फिलहाल वहां एक लाख दस हजार सैनिक मौजूद हैं 3 लाख टन सामान हर साल अक्टूबर में लद्दाख पहुंचाते हैं, हर दिन सेना 150 ट्रक राशन, मेडिकल, हथियार, गोला-बारूद, कपड़े और पैट्रोल-केरोसीन लद्दाख […]

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  • 19 हजार फीट की ऊंचाई पर बनी सेना की चौकियों पर एक सैनिक का सालाना का खर्च 17 से 20 लाख रुपए, फिलहाल वहां एक लाख दस हजार सैनिक मौजूद हैं
  • 3 लाख टन सामान हर साल अक्टूबर में लद्दाख पहुंचाते हैं, हर दिन सेना 150 ट्रक राशन, मेडिकल, हथियार, गोला-बारूद, कपड़े और पैट्रोल-केरोसीन लद्दाख भेजती है
  • ये पहली बार होगा जब भारतीय सेना लद्दाख में चीन से सटी फॉरवर्ड पोस्ट सर्दियों में भी खाली नहीं करेगी। 1962 के चीन युद्ध के बाद ये पहली सर्दियां होंगी जब तापमान तो माइनस 50 डिग्री तक जाएगा, लेकिन बर्फबारी के बावजूद हमारे सैनिक इन पोस्ट पर मुस्तैद रहेंगे। पिछले साल तक हम अपनी ज्यादातर पोस्ट सर्दियों में खाली कर देते थे। अक्टूबर के आखिर से पोस्ट खाली करने का ये काम शुरू हो जाता था और फिर मार्च में ही वापसी होती थी। हालांकि, जो रास्ते पहले छह महीने बंद रहते थे वो अब चार से पांच महीने ही ब्लॉक रहते हैं।

    फिलहाल सर्दियों में पोस्ट पर तैनाती चीन की हरकतों पर निर्भर करती है और इस विवाद को अगले कुछ हफ्ते में सुलझाना नामुमकिन सा लग रहा है। जबकि सर्दियां आने में बमुश्किल 4-5 हफ्तों का ही वक्त बाकी है। ज्यादा दिनों तक, ज्यादा सैनिक वहां तैनात रहेंगे तो खर्च भी ज्यादा होगा। और इस बार तो सेना ने अगले एक साल का राशन लद्दाख में जमा भी कर लिया है।

    एक सैनिक पर सालभर का खर्च 20 लाख रुपए

    लद्दाख में सेना की 14वीं कोर में 75 हजार सैनिक हैं। इस बार 35 हजार ज्यादा फोर्स को वहां भेजा गया है। चीन विवाद के बीच सेना ने हाल ही में अपनी तीन डिविजन, टैंक स्क्वॉड्रन और आर्टिलरी, लद्दाख सेक्टर में शिफ्ट की है। 15 हजार से लेकर 19 हजार फीट की ऊंचाई पर बनी सेना की चौकियों पर एक सैनिक का सालभर का खर्च 17 से 20 लाख रुपए आता है। जिसमें हथियार, गोला बारूद की कीमत शामिल नहीं है। दुनिया की कोई भी सेना इस ऊंचाई पर इतने सैनिकों की तैनाती नहीं करती है। लद्दाख की 14वीं कोर के हिस्से हर साल सर्दियों के लिए सबसे ज्यादा सामान स्टॉक करने का रिकॉर्ड भी है।

    हर साल 3 लाख टन सामान अक्टूबर में लद्दाख पहुंचाते हैं

    अक्टूबर के महीने में लद्दाख को देश के बाकी हिस्से से जोड़ने वाले दोनों ही रास्ते, जोजिला और रोहतांग बंद हो जाते हैं। रास्ते बंद हो उससे पहले हर साल 3 लाख टन सामान सेना के लिए लद्दाख पहुंचाया जाता है। एडवांस विंटर स्टॉकिंग की इस कवायद से छह महीने तक सेना लद्दाख इलाके में गुजर बसर करती है।

    मार्च से अक्टूबर के बीच सेना हर दिन 150 ट्रक राशन, मेडिकल, हथियार, गोला-बारूद, कपड़े, गाड़ियां और इलेक्ट्रॉनिक्स लद्दाख भेजती है। इसमें केरोसीन, डीजल और पैट्रोल भी शामिल है जिसकी गरमाहट की बदौलत सर्दियां काटी जाती हैं। सर्दियों में हर जवान पर स्पेशल कपड़े और टेंट के लिए एक लाख रुपए का खर्च आता है। जिसमें तीन लेयर वाले जैकेट, जूते, चश्मे, मास्क और टेंट शामिल हैं।

    मिरर डिप्लॉयमेंट के लिए दोगुना स्टॉक चाहिए होगा

    अब जब हमारी सेना चीन के मुकाबले की तैयारी कर रही है, मिरर डिप्लॉयमेंट यानी जितने सैनिक चीन ने सीमा पर जमा किए हैं उतने ही सैनिक भारत भी तैनात कर रहा है, तो सेना को लगभग दोगुने स्टॉक और राशन की जरूरत होगी।

    पिछले महीने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत संसदीय समिति के सामने पेश हुए थे। वो कह चुके हैं सेना सर्दियों में लाइन ऑफ कंट्रोल पर लंबे मुकाबले के लिए तैयार है। पैन्गॉन्ग, चुशूल और गलवान के वो सभी इलाके जहां मई से लेकर अभी तक दोनों देशों की सेनाओं के बीच झड़प हुई हैं, वहां की ऊंचाई 14 हजार फीट से ज्यादा है। बर्फीला रेगिस्तान कहलाने वाले लद्दाख में बाकी इलाकों में भी ठंड काफी ज्यादा होती है।

    करगिल के पास द्रास साइबेरिया के बाद दुनिया का दूसरा सबसे ठंडा इलाका है। जहां सर्दियों में तापमान माइनस 60 डिग्री तक चला जाता है। द्रास की ऊंचाई 11 हजार फीट, करगिल की 9 हजार फीट, लेह की 11,400 फीट है। जबकि सियाचिन की 17 हजार से लेकर 21 हजार फीट है। वहीं चीन के साथ लाइन ऑफ कंट्रोल पर स्थित दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) 17,700 फीट और देमचोक 14 हजार फीट पर है।

    चीन सीमा पर तैनाती बदलना जरूरी – एक्सपर्ट कमेंट – ले.जन (रिटायर्ड) सतीश दुआ

    चीन सीमा पर किस तरह का डिप्लॉयमेंट होगा ये उस बातचीत पर निर्भर करता है जो दोनों देशों के बीच मिलिट्री और राजनयिक स्तर पर चल रही है। भारत के पास अनुभव ज्यादा है, हम पाकिस्तान के साथ लगी लाइन ऑफ कंट्रोल पर पूरे साल डिप्लॉयमेंट रखते हैं और वहां भी कश्मीर के ज्यादातर इलाकों में सर्दियां बेहद चुनौतीपूर्ण होती हैं।

    करगिल युद्ध हुआ तो हमने ये तय किया कि अब पाकिस्तान से सटी पोस्ट खाली नहीं करेंगे। वरना उसके पहले तक हमारी तैनाती अलग होती थी। विंटर डिप्लॉयमेंट पोश्चर यानी सर्दियों में तैनाती एलएसी पर भी अलग होती थी। 1962 के बाद कभी कैजुअल्टी नहीं हुई लेकिन इस बार गलवान में हुई। तो इस डिप्लॉयमेंट को बदलना ही होगा।

    पहली बार बदला रूल ऑफ एंगेजमेंट – अब दूर से बात, वरना गोली

    गलवान के बाद एलएसी में बदलाव तय है। सेना ने गलवान में 20 सैनिकों को खोने के बाद चीन के साथ ‘रूल्स ऑफ एंगेजमेंट’ यानी निपटने के तरीके में बदलाव किया है। इससे पहले तक चीन और भारत के सैनिक आमने-सामने आ जाते थे। जबकि अब एक निश्चित दूरी से ही बात की जा रही है। यही वजह है कि पिछले एक महीने में तीन बार भारत-चीन सीमा पर गोली चल चुकी है।

    दुनिया में युद्ध के सबसे ऊंचे मैदान सियाचिन से सबक

    भारत इकलौता देश है जिसे सियाचिन जैसी जगहों पर सेना की तैनाती का तर्जुबा है। जिसका अनुभव चीन को भी नहीं। सियाचिन में हम पाकिस्तान के मुकाबले मजबूत स्ट्रेटेजिक पोजीशन पर हैैं। हालांकि सियाचिन में भी लड़ाई हुई है, वहां 1987 में अटैक हुआ था और पाकिस्तान उस जगह पर कब्जे की कई बार कोशिश कर चुका है। इसी से सबक लेकर हमने सर्दियों में भी सियाचिन की पोस्ट खाली करना बंद कर दिया।

    करगिल के बाद बदली तैनाती

    पाकिस्तान से सटी नियंत्रण रेखा पर करगिल इलाके की पोस्ट सेना ने 1999 के बाद सर्दियों में खाली करना बंद कर दिया है। ये बदलाव पाकिस्तान की घुसपैठ और फिर अपनी चोटियों को कब्जे से छुड़ाने के लिए करगिल युद्ध के बाद हुआ है।

    ઓનલાઈન વર્ક કેવી રીતે કરવું?

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    कोरोना में संसद सत्र का चौथा दिन: चीन विवाद पर राजनाथ बोले- लद्दाख में भारतीय जवानों की पेट्रोलिंग को दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती https://newsnfeeds.com/fourth-day-of-parliament-session-between-corona/ Thu, 17 Sep 2020 08:41:39 +0000 https://newsnfeeds.com/?p=156424 ​​​​​​राजनाथ ने कहा- चीन ने लद्दाख में 38 हजार वर्ग किमी हिस्से पर कब्जा कर रखा है ‘130 करोड़ देशवासियों को भरोसा देते हैं कि देश का सिर झुकने नहीं देंगे’ कोरोना के बीच संसद के पहले सत्र (मानसून) का आज चौथा दिन है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज राज्यसभा में भी चीन विवाद […]

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    • ​​​​​​राजनाथ ने कहा- चीन ने लद्दाख में 38 हजार वर्ग किमी हिस्से पर कब्जा कर रखा है
    • ‘130 करोड़ देशवासियों को भरोसा देते हैं कि देश का सिर झुकने नहीं देंगे’

    कोरोना के बीच संसद के पहले सत्र (मानसून) का आज चौथा दिन है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज राज्यसभा में भी चीन विवाद पर बयान दिया। उन्होंने कहा, “दुनिया की कोई ताकत लद्दाख में भारतीय जवानों को पेट्रोलिंग करने से नहीं रोक सकती। चीन के साथ सीमा का प्रश्न अभी तक अनसुलझा है। चीन ने बातचीत के बीच ही 29-30 अगस्त को लद्दाख में उकसावे की कार्रवाई की। उसकी कथनी और करनी में फर्क है।”

    राजनाथ के भाषण की 5 अहम बातें

    1. चीन ने समझौते तोड़े
    राजनाथ ने कहा, “चीन के रवैए से पता चलता है कि वह दोनों देशों के समझौतों का सम्मान नहीं करता। चीन की सेना ने 1993 और 1996 के समझौते तोड़े। बॉर्डर पर शांति रखने के लिए एलएसी का सम्मान करना जरूरी है।”

    2. लद्दाख में 38 हजार वर्ग किमी हिस्से पर चीन का अवैध कब्जा
    “चीन ने अवैध तरीके से लद्दाख में 38 हजार वर्ग किमी हिस्से पर कब्जा कर रखा है। चीन-पाकिस्तान के 1963 के कथित समझौते के तहत पाकिस्तान ने उसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) का 5,180 वर्ग किमी हिस्सा अवैध रूप से चीन को दे दिया है। चीन अरुणाचल से सटे 90 हजार वर्ग किमी के इलाके पर भी अपना दावा करता है।”

    3. चीन ने बॉर्डर के इलाकों में कंस्ट्रक्शन बढ़ाया
    “चीन पिछले कई दशकों से बॉर्डर के इलाकों में सैनिकों की तैनाती बढ़ा रहा है। उसने कंस्ट्रक्शन से जुड़ी एक्टिविटी भी बढ़ाई हैं। हमारी सरकार ने भी बॉर्डर इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए बजट दोगुना किया है।”

    4. चीन की वजह से युद्ध की स्थिति बनी
    “हम चीन की किसी भी कार्रवाई का जवाब देने में सक्षम हैं। किसी भी चुनौती से पीछे नहीं हटेंगे। चीन की हरकत की वजह से गलवान घाटी में युद्ध की स्थिति बनी। हम शांति चाहते हैं, लेकिन देश की रक्षा से पीछे नहीं हटेंगे। 130 करोड़ देशवासियों को भरोसा देता हूं कि देश का सिर झुकने नहीं देंगे।”

    5. हर स्थिति से निपटने को तैयार
    “विवाद के पॉइंट्स और सैनिकों की संख्या को लेकर इस साल स्थिति अलग है। हम मौजूदा स्थिति का शांति से समाधान चाहते हैं। साथ ही किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए भी तैयार हैं।”

    विदेश राज्य मंत्री ने कहा- पाकिस्तान अपनी जमीन से आतंकवाद रोके
    राजनाथ से पहले विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कहा, “भारत चाहता है कि पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी जैसे संबंध रहें। हम चाहते हैं कि भारत-पाकिस्तान के बीच मुद्दे शांति और आतंकवाद मुक्त माहौल में सुलझाए जाएं। ये पाकिस्तान की जिम्मेदारी है कि वह ऐसा माहौल तैयार करे और अपनी जमीन का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए होने से रोके।”

    कांग्रेस ने कहा- कोरोना पर सरकार देर से जागी
    राज्यसभा में कोरोना पर चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, “सरकार ने कोरोना रोकने के गोल्डन महीने बर्बाद कर दिए। WHO ने पिछले साल दिसंबर में ही चेता दिया था। चीन हमारा पड़ोसी है, इसलिए हमें पहले ही अलर्ट हो जाना चाहिए था। राहुल गांधी ने भी कहा था कि महामारी का खतरा मंडरा रहा है।”

    संजय राउत बोले- मुंबई के धारावी में कोरोना काबू में है
    शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, “मेरी मां और भाई कोरोना संक्रमित हैं। महाराष्ट्र में कई मरीज ठीक भी हो रहे हैं। आज धारावी में हालात काबू में हैं। WHO ने BMC की कोशिशों की तारीफ की है। ये बातें इसलिए बताना चाहता हूं, क्योंकि कुछ लोग महाराष्ट्र सरकार पर सवाल उठा रहे थे।”

    राउत ने केंद्रीय मंत्री मेघवाल पर तंज कसा
    राउत ने कहा, “मैं पूछना चाहता हूं कि काफी सारे लोग ठीक कैसे हो गए, क्या भाभीजी के पापड़ खाकर ठीक हो गए? यह राजनीतिक लड़ाई नहीं, बल्कि लोगों की जिंदगी बचाने की लड़ाई है।”

    राउत का यह तंज केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल पर था। मेघवाल का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे भाभीजी ब्रांड के पापड़ पकड़े हुए कह रहे हैं कि यह पापड़ महामारी से लड़ने में मददगार साबित होगा।

    કંગના રનૌત પર ભડકી કામ્યા પંજાબી, કહ્યું- ઈન્ડસ્ટ્રી આટલી ખરાબ છે તો છોડી કેમ નથી દેતી?

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    लद्दाख में तनाव चरम पर: रिपोर्ट्स में दावा- भारत-चीन के बीच पिछले हफ्ते पैंगॉन्ग झील इलाके में 100-200 राउंड गोलियां चलीं, दोनों देशों के बीच मॉस्को समझौते से पहले यह घटना हुई https://newsnfeeds.com/tension-in-ladakh-is-at-peak/ Wed, 16 Sep 2020 09:38:26 +0000 https://newsnfeeds.com/?p=156371 सीमा विवाद सुलझाने के लिए भारत-चीन के विदेश मंत्रियों के बीच 10 सितंबर को मॉस्को में 5 पॉइंट पर सहमति बनी थी 29-30 अगस्त की रात चीन के सैनिकों ने पैंगॉन्ग सो झील इलाके में एक पहाड़ी पर कब्जे की कोशिश की थी भारत-चीन के विदेश मंत्रियों की 10 सितंबर को मॉस्को में हुई मीटिंग […]

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    • सीमा विवाद सुलझाने के लिए भारत-चीन के विदेश मंत्रियों के बीच 10 सितंबर को मॉस्को में 5 पॉइंट पर सहमति बनी थी
    • 29-30 अगस्त की रात चीन के सैनिकों ने पैंगॉन्ग सो झील इलाके में एक पहाड़ी पर कब्जे की कोशिश की थी

    भारत-चीन के विदेश मंत्रियों की 10 सितंबर को मॉस्को में हुई मीटिंग से पहले लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच फायरिंग हुई थी। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले यह रिपोर्ट दी है। इसके मुताबिक पूर्वी लद्दाख में पैंगॉन्ग सो झील के उत्तरी छोर पर दोनों तरफ से 100 से 200 राउंड हवाई फायर हुए थे। यह घटना रिजलाइन पर हुई थी, जहां फिंगर-3 और फिंगर-4 के इलाके मिलते हैं।

    कई इलाकों में भारत-चीन के सैनिकों में सिर्फ 300 मीटर का फासला
    रिपोर्ट के मुताबिक सितंबर के पहले हफ्ते में पैंगॉन्ग सो झील के उत्तरी और दक्षिणी छोर पर काफी मूवमेंट हुए थे। कई बार फायरिंग भी हुई। तनाव अभी बरकरार है। चुशूल सेक्टर में कई जगहों पर भारत और चीन के सैनिक एक-दूसरे से सिर्फ 300 मीटर की दूरी पर तैनात हैं। इस बीच दोनों देशों के आर्मी अफसरों के बीच फिर से बातचीत होनी है।

    इससे पहले 7 सितंबर को भारत-चीन ने मुकपारी हाइट्स इलाके में फायरिंग की घटना पर बयान जारी किए थे। बताया गया कि एलएसी पर 45 साल बाद गोलियां चली हैं। दोनों ने इसके लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया। लेकिन, पैंगॉन्ग इलाके में फायरिंग को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

    चीन ने 5 दिन में 3 बार घुसपैठ की कोशिश की थी
    29-30 अगस्त की रात चीन के सैनिकों ने पैंगॉन्ग झील के दक्षिणी छोर की पहाड़ी पर कब्जे की कोशिश की थी, लेकिन भारतीयों जवानों ने नाकाम कर दी। उसके बाद आर्मी अफसरों की बातचीत का दौर शुरू हुआ, लेकिन चीन ने अगले 4 दिन में 2 बार फिर घुसपैठ की कोशिश की।

    शांति से सीमा विवाद सुलझाने के लिए 10 सितंबर को मॉस्को में भारत-चीन के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई थी। इसमें डिस-एंगेजमेंट समेत 5 पॉइंट्स पर सहमति बनी थी। लेकिन, चीन बार-बार अपनी बात से पीछे हट रहा है और विवादित इलाकों में लगातार मूवमेंट कर रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी मंगलवार को संसद में कहा कि चीन ने एलएसी पर सैनिक और गोला-बारूद जमा कर रखे हैं, लेकिन भारत भी तैयार है।

     

    શાળા ખૂલવા અંગે ગુજરાત સરકારનો મોટો નિર્ણય, હાલ 9 થી 12ની શાળા નહિ ખૂલે

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    ભારત નો ચિન ને જવાબ : પબ્જી અને બીજી 118 એપ્સ બેન https://newsnfeeds.com/india-banned-pubg-and-118-more-apps/ Wed, 02 Sep 2020 13:04:22 +0000 https://newsnfeeds.com/?p=155898 ભારત સહિત સમગ્ર વિશ્વના ગેમ સોખીનો મા ખુબ ચાહના પામેલી PUBG ગેમ તથા પ્રત્યક્ષ કે પરોક્ષ રીતે ચાઈના સાથે હીત સંબંધ ધરાવતી અન્ય ૧૧૮ જેટલી એપ પર પ્રતિબંધનો ભારત સરકારનો નિર્ણય. બુધવારે, ભારતના આઇટી મંત્રાલયે 118 એપ્સ પર પ્રતિબંધ મૂકવાનો આદેશ આપ્યો હતો જેમાં કહ્યું હતું કે “તે ભારતની સાર્વભૌમત્વ અને અખંડિતતા, ભારતની સંરક્ષણ, રાજ્યની […]

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    ભારત સહિત સમગ્ર વિશ્વના ગેમ સોખીનો મા ખુબ ચાહના પામેલી PUBG ગેમ તથા પ્રત્યક્ષ કે પરોક્ષ રીતે ચાઈના સાથે હીત સંબંધ ધરાવતી અન્ય ૧૧૮ જેટલી એપ પર પ્રતિબંધનો ભારત સરકારનો નિર્ણય.

    બુધવારે, ભારતના આઇટી મંત્રાલયે 118 એપ્સ પર પ્રતિબંધ મૂકવાનો આદેશ આપ્યો હતો જેમાં કહ્યું હતું કે “તે ભારતની સાર્વભૌમત્વ અને અખંડિતતા, ભારતની સંરક્ષણ, રાજ્યની સુરક્ષા અને જાહેર વ્યવસ્થાની પૂર્વગ્રહયુક્ત છે.” આ પગલાથી “ભારતીય મોબાઇલ અને ઇન્ટરનેટ વપરાશકર્તાઓના કરોડો ના હિતોની રક્ષા કરવામાં મદદ મળશે. આ નિર્ણય ભારતીય સાયબર સ્પેસની સલામતી અને સાર્વભૌમત્વની ખાતરી માટે લક્ષ્યાંકિત પગલું છે, ”મંત્રાલયે જણાવ્યું હતું.

    નવી દિલ્હી દ્વારા ટિકટૉક સહિતની 59 Chinese ચીની એપ્લિકેશનો પર પ્રતિબંધ મૂક્યાના મહિનાઓ પછી આ પગલું લેવામાં આવ્યું છે,

    આજે જે નવી એપ્લિકેશનો પર પ્રતિબંધ મૂકવામાં આવ્યો છે તેમાં baidu, Wechat, Tencent Veyun, Rise of Kingdoms, Apus Launcher, VPN of Tiktok, મોબાઈલ તાઓબાઓ, યુકો, સિના ન્યૂઝ, કેમકાર્ડ, તેમજ PUBG LITE શામેલ છે. . (તમે સંપૂર્ણ સૂચિ અહીં જોઈ શકો છો.)

    નવી પ્રતિબંધિત એપ્લિકેશનોમાં PUBG એ અત્યાર સુધીની સૌથી લોકપ્રિય એપ્લિકેશન છે. એક ટોચની મોબાઇલ ઇનસાઇટ કંપનીના જણાવ્યા મુજબ ભારતમાં તેના કરોડથી વધુ માસિક સક્રિય વપરાશકર્તાઓ હતા.

    “IT મંત્રાલયને વિવિધ સ્રોતોથી ઘણી ફરિયાદો મળી છે જેમાં એન્ડ્રોઇડ અને આઇઓએસ પ્લેટફોર્મ પર ઉપલબ્ધ કેટલીક મોબાઇલ એપ્લિકેશનોના દુરુપયોગ વિશે ઘણા અહેવાલો છે, જેમાં વપરાશકર્તાઓના ડેટાને અનધિકૃત રીતે સર્વરમાં ટ્રાન્સમિટ કરવામાં આવે છે જેમાં ભારતની બહારના સ્થળો હોય છે. , ”મંત્રાલયે એક નિવેદનમાં જણાવ્યું છે. “ભારતનું સાર્વભૌમત્વ તેમજ આપણા નાગરિકોની ગોપનીયતાને નુકસાન પહોંચાડતી એપ્લિકેશનો સામે કડક પગલાં લેવા જાહેર સ્થળે એક મજબૂત સમૂહગીત છે.”

    જ્યારે જૂનમાં હિમાલયમાં લશ્કરી અથડામણમાં 20 થી વધુ ભારતીય સૈનિકો માર્યા ગયા ત્યારે વિશ્વના બે સૌથી વધુ વસ્તી ધરાવતા દેશો વચ્ચે તણાવ વધ્યો. ત્યારબાદથી, “બોયકોટ ચાઇના” – અને તેના વિવિધતાઓ – ભારતના Twitter પર ટ્રેન્ડ કરવામાં આવી રહ્યો છે, કારણ કે વધતી સંખ્યામાં લોકોએ ચાઇનીઝ બનાવટના સ્માર્ટફોન, ટીવી અને અન્ય ઉત્પાદનોનો વિનાશ દર્શાવતી વિડિઓઝ પોસ્ટ કરી છે.



    એપ્રિલ મહિનામાં ભારતે તેની વિદેશી રોકાણોની નીતિમાં પણ પરિવર્તન કર્યું હતું, જેમાં તાજેતરના વર્ષોમાં ભારતીય શરુઆતમાં અબજો ડોલર ચૂકવનારા ચીની રોકાણકારોને નવી દિલ્હીથી મંજૂરી લેવાની જરૂર છે. ત્યારબાદના મહિનાઓમાં આ પગલાને કારણે ચીની રોકાણકારોની ભારતીય શરૂઆતની હાજરીમાં નોંધપાત્ર ઘટાડો થયો છે.

    ગયા મહિને, અલીબાબા ગ્રૂપે ઓછામાં ઓછા છ મહિના સુધી ભારતીય કંપનીઓમાં કોઈપણ નવા રોકાણો અટકાવ્યા હોવાના અહેવાલ છે.

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    भारत-चीन सैनिकों फिर आये आमने सामने , पैंगोंग झील के पास चीन ने की घुसपैठ की कोशिश https://newsnfeeds.com/india-china-soldiers-moment-near-pangong/ Mon, 31 Aug 2020 08:41:36 +0000 https://newsnfeeds.com/?p=155132 भारत और चीन के सैनिकों के बीच एक बार फिर बॉर्डर पर झड़प हुई है. ईस्टर्न लद्दाख में पैंगोंग झील इलाके के पास दोनों देशों के सैनिक 29-30 अगस्त की रात को आमने-सामने आए.

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    भारत और चीन के सैनिकों के बीच एक बार फिर बॉर्डर पर झड़प हुई है. ईस्टर्न लद्दाख में पैंगोंग झील इलाके के पास दोनों देशों के सैनिक 29-30 अगस्त की रात को आमने-सामने आए.

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