Home Hindi सुप्रीम कोर्ट ने कहा- पदोन्नति में आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं, राज्य सरकारें...

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- पदोन्नति में आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं, राज्य सरकारें इसके लिए बाध्य नहीं

128
0

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सरकारी नौकरियों में प्रमोशन के लिए कोटा या आरक्षण की मांग करनामौलिक अधिकार नहीं है। शुक्रवारको जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस हेमंत गुप्ता की बेंच नेकहा कि सरकारी सेवा में कुछ समुदायों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व न दिए जाने का आंकड़ा सामने लाए बिना राज्य सरकारोंको ऐसे प्रावधान करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। यह राज्य सरकार के विवेक पर निर्भर करता है कि उन्हें प्रमोशन में आरक्षण देना है या नहीं?कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार कीअपील पर यह फैसला सुनाया।

शुक्रवार को कोर्ट ने कहा कि अनुच्छेद 16 (4) और 16 (4-ए) आरक्षण लागू करने की शक्ति जरूर देता है, लेकिन यह तभी हो सकता है जब राज्य सरकार यह मानती हो कि सरकारी सेवाओं में कुछ समुदायों का पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है। बेंच ने कहा, “इसमें कोई संदेह नहीं है कि राज्य सरकार आरक्षण देने को प्रतिबद्ध नहीं है। लेकिन किसी व्यक्ति द्वारा इसको लेकर दावा करनामौलिक अधिकारों का हिस्सा नहीं है और न ही इस संबंध में कोर्ट राज्य सरकार को कोई आदेश जारी कर सकता है।”

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से उत्तराखंड हाईकोर्ट के 2012 में दिया गयाफैसला निष्प्रभावी हो गया, जिसमें विशेष समुदायों को कोटा प्रदान करने के लिए राज्य सरकार को आदेश दिया गया था। उस समय वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल, कोलिन गोंजाल्विस और दुष्यंत दवे ने दलील दिया था कि अनुसूचित जाति/जनजातियों के लिए अनुच्छेद 16 (4) और 16 (4-ए) के तहत विशेष प्रावधान करना राज्य सरकार का कर्तव्य है।

हाईकोर्ट ने क्वांटिटेटिव डाटा लाने को कहाथा

उत्तराखंड हाई काेर्ट ने राज्यसरकार काे निर्देश दिया था कि प्रमोशन में आरक्षण देने के लिए क्वांटिटेटिव डेटा इकठ्ठा करने को कहा था। इसके जरिए यह पता लगाया जाना था किसरकारी नौकरियों में एससी-एसटी वर्ग का पर्याप्त प्रतिनिधित्व है या नहीं, ताकि प्रमोशन में आरक्षण दिया जा सके। इस फैसले को राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। साल 2018 में पांच जजों की संविधान पीठ ने कहा था कि ‘क्रीमी लेयर’ को सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता। पिछले साल दिसंबर में केंद्र सरकार ने 7 न्यायाधीशों वाली पीठ से इसकी समीक्षा करने का अनुरोध किया था।

आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें


सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उत्तराखंड सरकार की याचिका पर फैसला सुनाया।