खेल डेस्क. एमेच्योर कबड्डी फेडरेशन ऑफ इंडिया (एकेएफआई) ने पाकिस्तान को पत्र लिखकर कहा कि हमने सर्कल कबड्डी वर्ल्ड कप के लिए कोई टीम नहीं भेजी। जो टीम लाहौर गई, वह आधिकारिक नहीं है। उसे भारत के नामऔर तिरंगे के साथ खेलने की अनुमति नहीं है। इस टीम के खिलाफ खेल मंत्रालय की जांच चल रही है। लिहाजा, टीम को पाकिस्तान के साथ होने वाला टूर्नामेंट का फाइनल नहीं खेलने दिया जाए। दरअसल, भारतीय टीम बगैर किसी को सूचना दिए 7 फरवरी को वाघा बॉर्डर के रास्ते लाहौर पहुंचीथी। टीम के लाहौर पहुंचने की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई।
भारतीय टीम में करीब 45 खिलाड़ी, 12 अधिकारी और कोच शामिल हैं। 8 फरवरी को खेल मंत्री किरण रिजिजू ने कहा था, ‘‘पाकिस्तान जाने के लिए किसी ने भी कबड्डी खिलाड़ियों को अनुमति नहीं दी। खिलाड़ियों को वीजा देने में हमारी कोई भूमिका नहीं है। हम कबड्डी फेडरेशन से बात करेंगे कि उन्होंने इस दौरे की सूचना पहले संबंधित विभाग या मंत्रालय को दी या नहीं।’’
‘किसी टीम या खिलाड़ी को पाकिस्तान जाने की अनुमति नहीं’
एकेएफआई ने पत्र में पाकिस्तान से कहा, ‘‘हमने किसी भी कबड्डी टीम को पाकिस्तान जाने और टूर्नामेंट के लिए की अनुमति नहीं दी। पाकिस्तान फेडरेशन भी अनाधिकृत टीम को जर्सी या ट्रैक सूट पर भारतीय नाम का इस्तेमान करने की अनुमति न दे।’’
इस वर्ल्ड कप को एकेएफआई की मान्यता नहीं
पत्र में कहा, ‘‘एकेएफआई को पाकिस्तान में हो रहे कबड्डी वर्ल्ड कप की कोई जानकारी नहीं थी,न ही इस टूर्नामेंट के संबंध में पाकिस्तान ने हमें कोई आधिकारिक न्योता दिया था। वैसे भी यह कबड्डी वर्ल्ड कप एकेएफआई द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है। इसमें कोई भी भारतीय खिलाड़ी या टीम बगैर मान्यता के शामिल नहीं हो सकता।’’इंटरनेशनल कबड्डी फेडरेशन (आईकेएफ) के अध्यक्ष जनार्दनसिंह गहलोत ने 11 फरवरी को कहा था कि यह वर्ल्ड कप अपेक्स बॉडी द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है।
सर्कल कबड्डी तय मानकों से अलग
पाकिस्तान में आयोजित सर्कल कबड्डी वर्ल्ड कप है, जो कबड्डी मानकों से अलग है। यह एशियाई खेलों का एक हिस्सा है। तय मानकों के मुताबिक, एक कबड्डी टीम में 80 किलो वजन के 7 खिलाड़ी होते हैं, जबकि सर्कल कबड्डी में वजन का कोई प्रतिबंध नहीं है। साथ ही इस टूर्नामेंट में एक टीम में 8 खिलाड़ी खेलते हैं। इसके अलावा खेल का मैदान भी गोलाकार ही रखा जाता है।