नई दिल्ली. ब्रिटेन कीमैगजीन‘द इकोनॉमिस्ट’ ने लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नागरिकता संशोधन कानून के जरिए भारतीय संविधान के धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों की अनदेखी कर रहे हैं। वे लोकतंत्र को ऐसा नुकसान पहुंचा रहे हैं, जिसका असर भारत पर अगले कई दशकों तक रह सकता है। मौजूदा सरकार की नीतियों समीक्षा में मैगजीन ने कहा है कि मोदी सहिष्णु और बहुधर्मीय समाज वाले भारत को उग्र राष्ट्रवाद से भरा हिंदू राष्ट्र बनाने की कोशिश में जुटे हैं।
मैगजीन के कवर का टाइटल- असहिष्णु भारत
द इकोनॉमिस्ट का यह संस्करण 25 जनवरी को बाजार में आएगा, लेकिनमैगजीन ने एक दिन पहले हीकवर ट्वीट किया, इसका टाइटल है- इनटॉलरेंट इंडिया यानी असहिष्णु भारत। मैगजीन में भाजपा के खिलाफ लेख का शीर्षक है- ‘‘नरेंद्र मोदी दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में बंटवारे को भड़का रहे हैं।’’ इसमें कहा गया है कि भारत के 20 करोड़ मुस्लिमों में डर है कि प्रधानमंत्री एक हिंदू राष्ट्र का निर्माण कर रहे हैं।
How India’s prime minister and his party are endangering the world’s biggest democracy. Our cover this week https://t.co/hEpK93Al11 pic.twitter.com/4GsdtTGnKe
— The Economist (@TheEconomist) January 23, 2020
द इकोनॉमिस्टने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) एनडीए सरकार के दशकों से चल रहे भड़काऊ कार्यक्रमों में सबसे जुनूनी कदम है। लेख में कहा गया है कि सरकार की नीतियों ने भले ही मोदी को चुनाव में जीत दिलाने में मदद की हो, लेकिन अब यही नीतियां देश के लिए राजनीतिक जहर साबित हो रही हैं। मैगजीन ने चेतावनी के अंदाज में कहा है कि मोदी की नागरिकता संशोधन कानून जैसी पहल भारत में खूनी संघर्ष करा सकती हैं।
We thought the Brits had left in 1947! But the editors of @TheEconomist are still living in in colonial era. They are furious when 600m Indians do not follow their explicit instructions of not voting Modi. https://t.co/LmPZlLZlny
— Dr Vijay Chauthaiwale (@vijai63) January 24, 2020
‘भाजपा ने धर्म के नाम पर बांट कर खराब अर्थव्यवस्था से लोगों का ध्यान भटकाया’
लेख में कहा गया है कि भाजपा ने धर्म औरपहचान के नाम पर लोगों को बांटाऔर परोक्ष रूप से मुस्लिमों को खतरनाक करार दिया। इसके जरिए पार्टी अपने समर्थकों को ऊर्जावान रखने और खराब अर्थव्यवस्था के मुद्दे से लोगों का ध्यान भटकाने में सफल हुई है। मैगजीन में कहा गया है कि प्रस्तावित नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) भगवा पार्टी को अपना बांटने वाला एजेंडा आगे बढ़ाने में मदद करेगा। एनआरसी की लिस्टिंग की प्रक्रिया सालों-साल चलती रहेगी, जिससे उनके बंटवारे का एजेंडा भी चलता रहेगा।
मॉब लिंचिंग और कश्मीर में प्रतिबंधों के बाद सीएए भाजपा की एक और योजना
मैगजीन में कहा गया है कि भाजपा ने मुस्लिमों को मारने वाले उपद्रवियों को महत्व देने से लेकर कश्मीर घाटी में में रहने वालों के लिए सजा जैसा माहौल बनाया। उन्हें मनमाने तरीके से गिरफ्तार किया गया, कर्फ्यू लगाया और 5 महीने तक इंटरनेट बंद रखा गया। नागरिकता कानून मामले को भड़काना भी इसी तरह भाजपा का नया कार्यक्रम है।
लेख में चेतावनी दी गई है कि एक समूह का लगातार उत्पीड़न सभी के लिए खतरा है और इससे राजनीतिक प्रणाली भी संकट में आती है। जानबूझकर हिंदुओं को भड़काने मुस्लिमों को गुस्सा कर के भाजपा देश में खूनी संघर्ष को तय कर रही है।
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