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दोषी विनय के वकील का आरोप- मेरे मुवक्किल को धीमा जहर दिया जा रहा, मेडिकल रिपोर्ट भी नहीं दे रहे

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नई दिल्ली. निर्भया मामले के 3 दोषियों विनय शर्मा, पवन गुप्ता और अक्षय ठाकुर की तरफ सेदिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर की गई। शनिवार को इस पर सुनवाई के दौरान प्रॉसिक्यूशन ने दलील दी किजेल अधिकारियों ने दोषियों के वकीलों को सभी जरूरी दस्तावेज दे दिए हैं,लेकिन वे सजा टालने के लिएलगातार तरकीबें अपना रहे हैं। इस पर विनय के वकील ने कहा कि मेरे मुवक्किल को धीमा जहर दिया जा रहा है।उसे हॉस्पिटल में भी भर्ती कराया गया, लेकिन मेडिकल रिपोर्ट अब तक नहीं दी गई।

दोषियों की याचिका में कहा गया कि कई बार के अनुराेध के बावजूद तिहाड़ जेल प्रशासन ने 2012-2015 और2019-20 कामेडिकल रिकाॅर्ड, दाेषियाें के व्यवहार से जुड़े दस्तावेज मुहैया नहीं कराए, जबकि इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दायर करनी है।

गुनहगार विनय राष्ट्रपति काे अपनी डायरी भी देना चाहता है

गुनहगारविनय राष्ट्रपति रामनाथ काेविंद काे दया याचिका के साथ अपनी डायरी भी देना चाहता है। अपने वकील एपी सिंह के जरिए काेर्ट में दाखिल याचिका में विनय ने तिहाड़ प्रशासन से अपनी 170 पेज की डायरी देने का आदेश देने का अनुराेध किया है। वह इस डायरी काे अपनी दया याचिका के साथ राष्ट्रपति काे भेजेगा।

अन्नाअठावले दोषियों को फांसी हाेने तक उपवास करेंगे

निर्भया के गुनहगाराें काे फांसी की सजा देने की मांग को लेकर समाजसेवी अन्ना हजारे 34 दिन से मौन व्रत पर हैं। केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने शुक्रवार काे अन्ना से उनके गांव रालेगण सिद्धी में मुलाकात की। इसके बाद अठावले ने कहा, “मैंने यह तय किया है कि जब तक निर्भया के दोषियों को फांसी की सजा नहीं हो जाती, मैं कुछ नहीं खाऊंगा।’

निर्भया केस में अब तक

निर्भया के चारों गुनहगार जेल नंबर 3 की हाई सिक्योरिटी सेल की अलग-अलग कोठरियों में हैं। दूसरे कैदियों से तो दूर ये लोग आपस में भी नहीं मिल पाते। दिन में एक-डेढ़ घंटे के लिए ही इन्हें कोठरियों से निकाला जाता है। चारों एक साथ नहीं निकाले जाते।

20 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने दुष्कर्मी पवन की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उसने वारदात के वक्त खुद के नाबालिग होने का दावा किया था। कोर्ट ने कहा कि याचिका में कोई नया आधार नहीं है।

3 दोषियों के पास 5 विकल्प
1) पवन, मुकेश, अक्षय और विनय शर्मा की फांसी के लिए दूसरी बार डेथ वॉरंट जारी हो चुका है। इसमें फांसी की तारीख 1 फरवरी मुकर्रर की गई है। पहले वॉरंट में यह तारीख 22 जनवरी थी। दोषी पवन के पास अभी क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका का विकल्प है। यही विकल्प अक्षय सिंह के पास हैं। विनय शर्मा के पास भी दया याचिका का विकल्प है। दोषी मुकेश के पास अब कोई कानूनी विकल्प नहीं है। यानी तीन दोषी अभी 5 कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
2) फांसी में एक और केस अड़चन डाल रहा है। वह है सभी दोषियों के खिलाफ लूट और अपहरण का केस। दोषियों के वकील एपी सिंह का कहना है कि पवन, मुकेश, अक्षय और विनय को लूट के एक मामले में निचली अदालत ने 10 साल की सजा सुनाई थी। इस फैसले के खिलाफ अपील हाईकोर्ट में लंबित है। जब तक इस पर फैसला नहीं होता जाता, दोषियों को फांसी नहीं दी जा सकती।
3) जिन दोषियों के पास कानूनी विकल्प हैं, वे तिहाड़ जेल द्वारा दिए गए नोटिस पीरियड के दौरान इनका इस्तेमाल कर सकते हैं। दिल्ली प्रिजन मैनुअल के मुताबिक, अगर किसी मामले में एक से ज्यादा दोषियों को फांसी दी जानी है तो किसी एक की याचिका लंबित रहने तक सभी की फांसी पर कानूनन रोक लगी रहेगी। निर्भया केस भी ऐसा ही है, चार दोषियों को फांसी दी जानी है। अभी कानूनी विकल्प भी बाकी हैं और एक केस में याचिका भी लंबित है। ऐसे में फांसी फिर टल सकती है।

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