खेल डेस्क. कोरोनावायरस के कारण जापान से ओलिंपिक की मेजबानी छिन सकती है। ओलिंपिक मामलों के मंत्री सीको हाशिमोतो ने संसद में मंगलवार को यह बात कही। उन्होंने बताया कि खेलों के आयोजन से जुड़े कॉन्ट्रैक्ट में कहा गया है कि अगर यह गेम्स 2020 में नहीं होते हैं, तो अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक संघ (आईओसी) इसकी मेजबानी छीन सकती है।
मंत्री हाशिमोतो ने आगे कहा कि ओलिंपिक अनुबंध से जुड़े आर्टिकल-66 में आईओसी को यह अधिकार है कि अगर गेम्स तयशुदा कार्यक्रम के मुताबिक नहीं होते हैं, उसे करार खत्म कर इन खेलों को रद्द करने का अधिकार है। हालांकि, इस समय टोक्यो ओलिंपिक कमेटी, आईओसी और टोक्यो स्थानीय प्रशासन हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं यह खेल 24 जुलाई से ही शुरू हों। सरकार भी इसमें हर तरह की मदद कर रही है।
इन खेलों के आयोजन को लेकर मई का महीना अहम : ओलिंपिक मंत्री
ओलिंपिक मंत्रीने कहा कि यह खेल तय समय पर होंगे कि नहीं, इसके लिए मई का महीना अहम होगा। हम आईओसी को मनाने की कोशिश कर रहे हैं। ताकि खेल सुरक्षित और तय समय पर हों।इससे पहले आईओसी के सदस्य डिक पाउंड ने कहा था कि इन खेलों के आयोजन को लेकर फैसला की अंतिम डेडलाइन मई है।
प्रधानमंत्री आबे ने बड़े आयोजन टालने की अपील की
जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने इस वायरस से निपटने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। इसके तहत पूरे देश में कई हफ्ते तक स्कूलों को बंद करने की अपील की है। साथ ही उन्होंने बड़े आयोजनों को भी टालने का सुझाव दिया है। टोक्यो ओलिंपिक 24 जुलाई से होने हैं। जापान में कोरोनावायरस के 200 केस सामने आए। अब तक देश में लोगों की मौत हो चुकी है। प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने 2 मार्च से 12वीं कक्षा तक के सभी स्कूल बंद रखने का आदेश जारी कर दिया है।
जापान तैयारियों पर 12.6 अरब डॉलर खर्च कर चुका
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, टोक्यो ओलिंपिक की तैयारियों पर जापान अब तक 12.6 अरब डॉलर खर्च कर चुका है। कुल अनुमानित खर्च इसका दो गुना यानी करीब 25 अरब डॉलर है। ऐसे में इसे टालना आसान नहीं है। क्योंकि इसके आर्थिक और मानवीय दुष्परिणाम होंगे।
ओलिंपिक के दौरान बड़े खेल इवेंट नहीं होते हैं
जब ओलिंपिक खेल हो रहे होते हैं, उस दौरान दुनिया में कहीं भी खेलों का कोई बड़ा इवेंट नहीं होता। आईओसी समेत हर खेल फेडरेशन का कैलेंडर ओलिंपिक शेड्यूल के हिसाब से ही तय होता है। ऐसा इसलिए होता है, ताकि दुनिया के तमाम बेस्ट एथलीट्स इन खेलों का हिस्सा बन सकें। ब्रॉडकास्टर्स से लेकर स्पॉन्सर्स तक भी यही तय करते हैं, ताकि प्रसारण में किसी तरह का टकराव न हो।