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वित्त मंत्री की घोषणाओं के 21 घंटे बाद आरबीआई ने ईएमआई पेमेंट में 3 महीने की छूट दी; रेपो रेट घटाकर 4.40%, 15 साल में सबसे कम

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नई दिल्ली/मुंबई. देशभर में 21 दिन के लॉकडाउन के मद्देनजर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 1.70 लाख करोड़ रुपए के पैकेज और 10 राहतों का ऐलान किया था। इसके 21 घंटे बाद शुक्रवार सुबह रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कर्ज से जुड़े 2 फैसले सुनाए। आरबीआई ने रेपो रेट घटा दिया और ईएमआई पेमेंट में 3 महीने की छूट दी। इसी तरह के दो और फैसले लिए गए। इन्हें ऐसे समझें…

1. जिन्होंने कर्ज ले रखा है, उन्हें ईएमआई पेमेंट में छूट दी
आरबीआई ने टर्म लोन की किश्त चुकाने में तीन महीने की छूट दी है। सभी कमर्शियल, रीजनल, रूरल, एनबीएफसी और स्मॉल फाइनेंस बैंकों को सभी तरह के टर्म लोन की ईएमआई वसूलने से रोक दिया गया है। ग्राहक खुद चाहें तो भुगतान कर सकते हैं, बैंक दबाव नहीं डालेंगे।

मायने : अगले तीन महीने तक ऐसे किसी भी व्यक्ति के खाते से किश्त नहीं कटेगी, जिन्होंने कर्ज ले रखा है। इससे आपके क्रेडिट स्कोर पर भी असर नहीं पड़ेगा। तीन महीने तक लोन की किश्त नहीं चुका पाएंगे तो इसे डिफॉल्ट नहीं माना जाएगा। तीन महीने की अवधि के बाद आपकी ईएमआई दोबारा शुरू हो जाएंगी। हालांकि, इसके ये मायने नहीं हैं कि बकाया कभी चुकाना ही नहीं होगा, मोहलत सिर्फ तीन महीने की है। बस तीन महीने टाल सकते हैं, बाद में पेमेंट करना होगा। यह कदम इस मकसद से उठाया गया है कि लॉकडाउन की वजह से जिनके पास वाकई नकदी की कमी होती है तो उन्हें कर्ज के भुगतान में कुछ समय मिल जाए।

2. कर्ज सस्ते करने के लिए रेपो रेट घटाया
रेपो रेट पहले 5.15% था, अब 0.75% घटाकर 4.40% कर दिया गया है। यह 15 साल में सबसे कम है। 0.75% की कटौती 11 साल में सबसे बड़ी है। रेपो रेट वह दर है, जिस पर बैंकों को आरबीआई से कर्ज मिलता है। बैंकों को सस्ता कर्ज मिलेगा तो वे ग्राहकों के लिए भी रेट घटाएंगे। लॉकडाउन की वजह से नए कर्ज लेने वालों की संख्या बढ़ने के आसार तो नहीं हैं। लेकिन, रेपो रेट से जुड़े कर्ज वाले मौजूदा ग्राहकों की ईएमआई कम हो जाएगी।

3. कंपनियों के लिए वर्किंग कैपिटल पर ब्याज में छूट दी
आरबीआई ने बैंकों को इजाजत दे दी है कि वह अगले तीन महीने यानी जून 2020 तक वर्किंग कैपिटल लोन पर ब्याज न वसूलें। वर्किंग कैपिटल लोन वह कर्ज होता है, जिसे कंपनियां अपने हर दिन के लिए खर्च के लिए लेती हैं।

4. बैंकों के लिए कैश रिजर्व रेश्यो घटाया
सीआरआर यानी बैंकों के पास मौजूद रकम का वह हिस्सा जो उसे आरबीआई के पास रखना होता है। इसमें कमी होने से बैंकों के पास ज्यादा कैश रहेगा। आरबीआई के इन फैसलों से सिस्टम में 3.74 लाख करोड़ रुपए की नकदी बढ़ने की उम्मीद है।

4. बैंकों के शेयरों में गिरावट से क्या ग्राहक प्रभावित होंगे?
आरबीआई गवर्नर ने साफ किया कि शेयर बाजारों में पिछले दिनों आई गिरावट से बैंकों के शेयर भी टूटे, लेकिन इसका ग्राहकों से कोई मतलब नहीं। बैंकों में लोगों का पैसा सुरक्षित है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि देश का फाइनेंशियल सिस्टम मजबूत है।
5. क्या राहत के और भी ऐलान होंगे?
आरबीआई गवर्नर ने इसके साफ संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि जो भी जरूरी कदम हैं, उन पर विचार किया जा रहा है।

6. अर्थव्यवस्था पर आरबीआई गवर्नर ने क्या कहा?
5% ग्रोथ भी मुश्किल :
अर्थव्यवस्था परकोरोनावायरस के असर की वजह से वित्त वर्ष 2019-20 में 5% ग्रोथ भी संभव नहीं लग रही।

आउटलुक : कोरोनावायरस के असर को देखते हुए जीडीपी ग्रोथ और महंगाई दर को लेकर अनिश्चितता, इसलिए आने वाले वित्त वर्ष के लिए मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ने आउटलुक जारी नहीं किया।
कैश फ्लो :देश में आर्थिक गतिविधियां और फाइनेंशियल मार्केट बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। हम ध्यान रख रहे हैं कि नकदी की कमी नहीं हो।
स्लोडाउन :ग्लोबल स्लोडाउन बढ़ सकता है, भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी इसका असर होगा।
महंगाई : कच्चे तेल की कीमतों में कमी आने से भारत को फायदा होगा। रिकॉर्ड उत्पादन होने की वजह से अनाज भी सस्ता हो सकता है।

मैक्रोइकोनॉमिकफंडामेंटल : 2008 की मंदी के मुकाबले मौजूदा स्थिति मजबूत

आरबीआई के इतिहास में पहली बार एमपीसी की बैठक तय समय से पहले हुई
आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) की बैठक 1-3 अप्रैल को होनी थी, लेकिन कोरोनावायरस के बढ़ते असर को देखते हुए तय समय से पहले ही मीटिंग कर फैसलों का ऐलान कर दिया गया। ऐसा भी पहली बार हुआ है कि आरबीआई ने अगली मीटिंग की तारीख घोषित नहीं की।

आरबीआई के फैसलों से मिडिल क्लास, कारोबारियों को फायदा: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि अर्थव्यवस्था को कोरोनावायरस के असर से बचाने के लिए आरबीआई ने बड़े कदम उठाए हैं। इन फैसलों से नकदी बढ़ेगी, कर्ज सस्ते होंगे। इससे मिडिल क्लास और कारोबारियों को मदद मिलेगी।

ब्याज दरों में कटौती का फायदा ग्राहकों को तुरंत मिले: वित्त मंत्री
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि ईएमआई और वर्किंग कैपिटल पर ब्याज में तीन महीने की छूट के फैसले से काफी राहत मिलेगी। ब्याज दरों में कटौती का फायदा ग्राहकों को जल्द से जल्द मिलना चाहिए। आरबीआई गवर्नर ने एक बार फिर वित्तीय स्थिरता का भरोसा दिया है। यह अच्छी बात है।

21 दिन के लॉकडाउन को देखते हुए वित्त मंत्री ने भी राहत पैकेज का ऐलान किया था
कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश में 21 दिन का लॉकडाउन है। इस दौरान आम लोगों और खासकर गरीबों को परेशानी न हो, इसके लिए सरकार ने बड़े राहत पैकेज का ऐलान किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को तीन दिन में दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि दूसरे राज्यों से आने वाले कामगारों और गरीबों के लिए एक पैकेज तैयार है। यह पैकेज 1.70 लाख करोड़ रुपए का है। हमारी कोशिश रहेगी कि गांवों और शहरों में रहने वाला कोई भी गरीब भूखा न सोए। इसके तहत गरीबों को हर महीने 10 किलो का मुफ्त अनाज दिया जाएगा। किसानों को भी आर्थिक मदद दी जाएगी।

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