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राज्यपाल ने पूरा अभिभाषण नहीं पढ़ा, लोकतांत्रिक मूल्यों के पालन का कहकर सदन से चले गए

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भोपाल में विधानसभा से, जो ताजा सियासी घटनाक्रम के 13 दिन बाद शुरू हुई है. मध्य प्रदेश विधानसभा में आज फ्लोर टेस्ट को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। मुख्यमंत्री कमलनाथ विधानसभा पहुंच चुके हैं। इससे पहले उन्होंने संसदीय कार्य मंत्री गोविंद सिंह और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा से आगामी घटनाक्रम पर चर्चा की। कमलनाथ ने राज्यपाल को लिखे पत्र में कहा कि मौजूदा स्थिति में फ्लोर टेस्ट कराना संभव नहीं है। अभी सदन में बहुमत परीक्षण कराना अलोकतांत्रिक है।

अपडेट्स

  • 11.09 AM: राज्यपाल लालजी टंडन राजभवन से विधानसभा के लिए निकले।
  • 10 AM: विधानसभा में भजन बजाए जा रहे हैं।
  • 9.55 AM: मुख्यमंत्री कमलनाथ विधानसभा जाने के लिए निकले।
  • 9.30 AM: राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा मुख्यमंत्री से मुलाकात करने पहुंचे।
  • 8.30 AM: संसदीय कार्य मंत्री गोविंद सिंह सीएम हाउस पहुंचे।
  • श्यामला हिल्स, न्यू मार्केट, पुलिस हेडक्वार्टरके आसपास, शिवाजीनगर औरएमपी नगर इलाके में सुरक्षा कड़ी है। धारा 144 भी लागू है।
  • वन विहार आने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। उन्हें दूसरे रास्ते से भेजा गया। शहर में कई बार वीआईपी मूवमेंट के कारण ट्रैफिक को रोकना पड़ा।

सीएम हाउस के सुरक्षाकर्मी लगातार ड्यूटी कर रहे
मुख्यमंत्री निवास के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं। गेट के बाहर किसी को रुकने नहीं दिया जा रहा है।एक सुरक्षाकर्मी के मुताबिक, हम लोग 24 घंटे से ड्यूटी पर हैं। सिर्फ खाना खाने के लिए गए थे। सीएम हाउस में सुबह से हलचल नहीं है। कुछ खाली गाड़ियां अंदर जरूर गईथीं। अंदाजा लगाया जा रहा है कि कुछ मंत्री यहां रात से ही रुके हो सकते हैं।

विधानसभा की कार्यसूची में फ्लोर टेस्ट नहीं, राज्यपाल नाराज
इससे पहले रविवार को जयपुर से कांग्रेस के विधायक भोपाल पहुंचे। देर रात मानेसर में ठहरे भाजपा विधायक भी पहुंच गए। अभी कांग्रेस के बागी 22 विधायक बेंगलुरु में हैं। इधर, रविवार शाम विधानसभा की कार्यसूची में केवल राज्यपाल के अभिभाषण और धन्यवाद ज्ञापन का जिक्र किया गया है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने साफ किया है कि सरकार फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार है, लेकिन पहले बेंगलुरु में बंधक विधायकों को रिहा किया जाए।

भाजपा ने कहा- राज्यपाल के निर्देशों का उल्लंघन हुआ
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने रविवार रात राज्यपाल से मुलाकात की। उन्होंने कहा- राज्‍यपाल ने विधानसभा अध्‍यक्ष और सरकार को निर्देश दिया था कि 16 मार्च को अभिभाषण के बाद फ्लोर टेस्‍ट करवाएं। लेकिन, सरकार की ओर से विधानसभा की कार्यसूची में केवल अभिभाषण को लिया गया। यह राज्‍यपाल के निर्देश का उल्‍लंघन और असंवैधानिक है। हमने विरोध के तौर पर ज्ञापन दिया है। राज्‍यपाल ने आश्‍वासन दिया है कि वे नियमों के तहत इस पर निर्णय लेंगे।

16 विधायकों ने फिर भेजे इस्तीफे
कांग्रेस के 16 विधायकों ने रविवार को दोबारा विधानसभा स्पीकर प्रजापति को अलग-अलग पत्र भेजकर उनके इस्तीफे स्वीकार करने की मांग की है। इसमें उन सभी ने अध्यक्ष के सामने प्रत्यक्ष उपस्थित होने में असमर्थता जताई है। इसके लिए उन्होंने वर्तमान में प्रदेश की खराब कानून-व्यवस्था और अनिश्चितता का वातावरण होने का हवाला दिया है। उन्होंने लिखा है कि जिस तरह आपने 6 विधायकों के इस्तीफे स्वीकृत किए हैं, उसी प्रकार हमारे भी स्वीकार करें।

स्पीकर ने कहा- ‘सोमवार को ही फ्लोर टेस्ट’का सवाल काल्पनिक
विधानसभा में आज फ्लोर टेस्ट होगा या नहीं के सवाल को स्पीकर एनपी प्रजापति ने काल्पनिक बताया। रविवार को मीडिया से चर्चा में उन्होंने कहा- मुझे कब क्या निर्णय लेना है, यह पहले नहीं बता सकता। जब उनसे पूछा गया कि फ्लोर टेस्ट कब हो, यह राज्यपाल तय करेंगे या स्पीकर, तो उन्होंने कहा कि ये सोमवार को देखने को मिलेगा। इस्तीफा देने वाले विधायकों के गायब होने के बारे में उन्होंने कहा कि मैं सदन के सभी सदस्यों का संरक्षक हूं।

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विधायकों के साथ सीएम कमलनाथ। कांग्रेस के कई नेता मास्क लगाकर विधानसभा पहुंचे।


मुख्यमंत्री निवास से निकले कमलनाथ ने विक्ट्री का साइन दिखाया।


सीएम कमलनाथ ने सियासत के निर्णायक नतीजों से पहले शिव पूजा की।


सीएम हाउस के बाहर सुबह से सन्नाटा है।


सीएम हाउस परिसर में कुछ खाली गाड़ियां रखी हैं।