मुंबई. देश के टैक्स कलेक्शन को लेकर न्यूज एजेंसी रायटर्स ने शुक्रवार को सूत्रों के हवाले से एकरिपोर्ट जारी की। इसके मुताबिक, दो दशकों में पहली बार भारत सरकार को कार्पोरेट और इनकम टैक्स कलेक्शन के मामले में गिरावट का सामना करना पड़ सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार 31 मार्च 2020 तक 13.5 लाख करोड़ रुपए के डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन की उम्मीद कर रही थी,जो कि पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले 17 % ज्यादा है।
रिपोर्ट के मुताबिक,मांग में आई कमी के चलते कंपनियों पर निवेश और जॉब्स में कटौती करने को लेकर भारी दबाव है। इसके चलते इस वित्तीय वर्ष में सरकार केवल 5% की बढ़त ही हासिल कर पाएगी,जो कि बीते 11 सालों में सबसे कम है।सीनियर टैक्स अधिकारी के मुताबिक, टैक्स डिपार्टमेंट 23 जनवरी तक 7.3 लाख करोड़ रुपए ही एकत्रित कर पाया है। यह राशि पिछले साल जनवरी में एकत्रित हुई राशि से 5.5% कम है।
इस बार का टैक्स कलेक्शन पिछले साल से कम रहेगा- सूत्र
रिपोर्ट के अनुसार,पहले तीन क्वार्टर में कंपनियों से एडवांस में टैक्स एकत्रित हो जाने के बाद अधिकारी अंतिम तीन महीनों में 30-35% की बढ़त मानकर चलते हैं। पिछले तीन सालों का डाटा यही दर्शाता भी है। मगर आठ सीनियर टैक्स अधिकारियों का मानना है कि कई कोशिशों के बावजूद वित्तीय वर्ष में टैक्स कलेक्शन 11.5 लाख करोड़ रुपए से कम ही रहेगा, जो कि 2018-19 के वित्तीय वर्ष में एकत्रित किया गया था। एक अधिकारी ने कहा- टारगेट तो भूल जाइए। यह पहली बार होगा जब हम डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में कमी देखने को मिलेगी। उन्होंने कहा- वित्तीय वर्ष 2019 के मुकाबले इस बार टैक्स कलेक्शन में 10% की कमी देखने को मिलेगी।
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