दुबई. दृष्टिहीनों से प्रेरणा लेकर पहली बार भारतीय ने दुबई में आयोजित आयरन मैन ट्रिएथालोन रेस पहले ही प्रयास में जीत ली है। इस रेस में 1.9 किमी तैराकी, 90 किमी की साइकिलिंग और 21.1 किमी की दौड़ लगानी होती है। महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के 38 साल के निकेट दलाल ने 27 साल के अहराम शेख के साथ मिलकर इसे 7 घंटे 44 मिनट में बिना रेस्ट पूरा किया। दौड़ को बिना आराम किए 8 घंटे में पूरा करना होता है।
रेस के लिए दोनों एथलीट्स ने प्रो एथलीट चैतन्या वेलहाल द्वारा संचालित पुणे की कोचिंग एकेडमी पॉवरपिक्स एथलीट लैब में चार महीने तक अभ्यास किया। इस तैयारी के दौरान उन्होंने अपनी स्किल्स को सुधारा और आपसी सामन्जस बनाकर लक्ष्य को हासिल करने की तैयारी की।
100 प्रतिभागियों से था मुकाबला
कोच चैतन्या वेलहाल ने बताया, निकेत दलाल एक प्रोफेशनल स्पीच थैरेपिस्ट हैं जबिक शेख ने पुणे से कम्प्यूटर साइंस में मास्टर डिग्री ली हुई है। दोनों एथलीट ने फील्ड में काफी काम किया है। रेस के पहले राउंड में खुले समुद्र में तैरना होता है। यहीं से चुनौती शुरू होती है। पहले राउंड में दोनों ने 100 प्रतिभागियों से मुकाबला करते हुए समय बचाया। दूसरे राउंड साइकिलिंग में शेख के अनुभव का लाभ मिला। पूरी प्रतियोगिता में दोनों का अनुभव काफी मजबूत रहा और आखिरकार समय के पहले फिनिश लाइन पार कर ली।
15 साल में किसी भारतीय ने रेस में भाग नहीं किया
इससे पहले आयरनमैन की फिनिश लाइन को पहली बार 2005 में किसी भारतीय ने पार किया था। इसके बाद के 15 सालों में कोई भी दिव्यांग एथलीट इस रेस में नहीं उतरा। रेस जीतने के बाद दलाल ने कहा, मेरा मानना है कि अगर इस दिशा में काम किया जाता है, तो 15 साल का यह अंतर नहीं होता। इस विशाल गैप को भरने की जरूरत है। उम्मीद है, हमारी सफलता दिव्यांगों में आशा जगाएगी और दूसरे एथलीट आगे आएंगे।