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अनिल मिश्र ने कहा- मंदिर निर्माण पर अटकलों की बजाय ट्रस्ट की बैठक और फैसले का इंतजार करें

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लखनऊ.केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र पेशे से होम्योपैथिक चिकित्सक हैं। वेलंबे अर्से से राष्ट्रीय स्वयं संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ता और अवध प्रांत के प्रभारी हैं। डॉ. मिश्र ने कहा कि न तो मैंने ट्रस्ट में शामिल होने के बारे में सोचा और न इसके लिए कोई कोशिश या पैरवी की। रामभक्त के रूप में जो आदेश मिला, उसी का पालन कर रहा हूं। डॉ. मिश्र की भास्कर के साथ बातचीत के अंश…

सवाल: बोर्ड ऑफ ट्रस्टी के सदस्य के रूप में आपके नाम पर अयोध्या में लोग आश्चर्यचकित हैं। जिनके नाम की चर्चा थी वे रह गए?
डॉ. मिश्र: हां, यह सच है कि मेरे नाम की चर्चा नहीं थी, मैंने भी कभी सपने में भी ट्रस्ट का सदस्य बनने के बारे में नही सोचा था, न मैंने कोई कोशिश की थी, न तो पैरवी। वर्षो से रामभक्त के रूप में जो आदेश मिला, उसी का पालन कर रहा हूं। ट्रस्ट पर सभी संतों का आशीर्वाद है। सबकी मंशा भव्य राम मंदिर बनाने की है। सब मिल कर काम करेंगें।

सवाल: आप राम मंदिर आंदोलन से कब से जुड़े?
डॉ. मिश्र: मैं 1991 से आंदोलन से जुड़ा। जो जिम्मेदारी दी गई, उससे कभी पीछे नहीं हटा, राम मंदिर के लिए कभी भी किसी काम को कम महत्व का नहीं माना। चुपचाप काम करता रहा हूं, आगे भी करता रहूंगा।

सवाल: इस पर बहुत चर्चा हो रही है कि मंदिर विहिप के मॉडल से बने या नया मॉडल तैयार हो। ट्रस्टी के रूप में आप क्या चाहते है?
डॉ. मिश्र: कल्पना प्रकट करना ठीक नहीं है। यह विषय किसी सदस्य के एकल निर्णय का नहीं, बल्कि सामूहिक फैसले का है। ट्रस्ट में पूरे समाज का भरोसा है, क्योंकि इसे देश की सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक केंद्र सरकार ने बनाया है। ट्रस्ट की बैठक में इसके पक्ष-विपक्ष में सभी बातों पर विचार होगा। सभी चाहते है रामलला का मंदिर जल्द से जल्द बने। अटकलें लगाने के बजाय ट्रस्ट की बैठक और निर्णय का इंतजार करना चाहिए।

सवाल: राम मंदिर निर्माण के साथ ट्रस्ट की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण रहने वाली है। ट्रस्ट क्या अयोध्या के विकास में भी योगदान कर सकता है?
डॉ. मिश्र: अभी तो ट्रस्ट की पहली बैठक होगी, उसके बाद ही जिस तरह की जरूरत होगी, ट्रस्ट सामूहिक रूप से फैसला लेगा। अयोध्या में श्रद्धालुओं के लिए आवागमन की सुविधा अच्छी हो, इसकी तत्काल जरूरत है। सड़कें चौड़ी होनी चाहिए। मंदिर निर्माण के साथ श्रद्धालुओं को दर्शन पूजन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था दी जानी चाहिए।

सवाल: कहा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील के पाराशरण ट्रस्ट के अध्यक्ष होगें?

डॉ. मिश्र: मुझे इस बारे में कोई जानकारी नही है, यह सब बोर्ड आफ ट्रस्टी की बैठक का विषय है। जब बैठक होगी, उसमें सभी सदस्य तय करेगें।

सवाल: आरोप लग रहा है कि ट्रस्ट में तीन सरकारी सदस्य हैं। एक शंकराचार्य ने कहा है कि सरकारी अधिकारियों को ट्रस्ट में नहीं होना चाहिए?
डॉ. मिश्र: सभी शंकराचार्य हमारे लिए सम्मानीय हैं। सुप्रीम कोर्ट ने ट्रस्ट के गठन के लिए सरकार को आदेश दिया था। केंद्र सरकार ने सभी बातों का विचार किया है। कार्यपालिका का सहयोग मंदिर निर्माण को गति देगा।

सवाल: ट्रस्ट अपने काम की शुरूआत किस तरह करेगा। बैठक के पहले आपस में सदस्यों के बीच कोई बातचीत हुई है?
डॉ. मिश्र: नहीं, लेकिन श्रीरामलला के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है। रामनवमी में ज्यादा दिन नही हैं, बड़ी संख्या में श्रद्धालु आएंगे, उन्हें अच्छी सुविधा मिलनी चाहिए। इस बारे में आप लोग भी सहयोग करें।

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