खेल डेस्क. वेस्टइंडीज में दुर्व्यवहार मामले में फंसे भारतीय टीम के मैनेजर सुनील सुब्रमण्यम को स्वदेश लौटने के लिए कहा गया है। सुब्रमण्यम को दिसंबर 2018 में आस्ट्रेलिया के पर्थ टेस्ट के दौरान अपने खराब के व्यवहार के कारण आलोचना का सामना करना पड़ा था। हालांकि, उसके बाद उनपर कार्रवाई नहीं हुई थी। सुब्रमण्यम को अब मैनेजर पद के लिए चुनाव लड़ने पर भी रोक लगा दिया गया है।
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भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने दो उच्चायोग को कहा था कि वेस्टइंडीज में जिस विज्ञापन की शूटिंग करनी थी, उसके लिए वह टीम के मैनेजर सुब्रमण्यम से संपर्क करें। जब त्रिनिदाद- टोबैगो में मौजूद भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों ने सुब्रमण्यम से संपर्क किया तो उन्होंने अधिकारियों को तवज्जो नहीं दी।
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बोर्ड के एक पदाधिकारी ने कहा, ‘हां, एक-दूसरे को मेल मिला है और जब उन्होंने कहा कि यह गलती से हुआ है तो शीर्ष अधिकारियों ने उन्हें स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें वापस स्वदेश लौटने की जरूरत है। ऐसे में जब आप देश के प्रतिनिधि हैं तो तनाव का हवाला देना वास्तव में ठीक नहीं है।’
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पदाधिकारी ने कहा, ‘मैनेजर की भूमिका के लिए यह देखना जरूरी है कि क्या उन्हें इसकी इजाजत दी जाएगी या उन्हें इस पद से हटाया जाएगा। यह इस चीज पर निर्भर करता है कि उनके स्वदेश लौटने के बाद अधिकारी उनके तर्क को किस तरह से लेते हैं। ऐला पहली बार नहीं है जब उनके खिलाफ दुर्व्यवहार की बात आई है।’
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रविचंद्रन अश्विन के पूर्व कोच सुब्रह्मण्यम ने 74 प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं और 285 विकेट लिए। इससे पहले बीसीसीआई के एक कार्यकारी ने कहा था कि पहले इस तरह की हरकतों को नजरअंदाज किया गया, इसी कारण यह स्थिति बनी है। उन्होंने कहा कि अगर बात उच्चायोग की नहीं होती और सीओए के मुखिया विनोद राय पर आंच नहीं आती, तो इस बार भी इस घटना को नजरअंदाज किया जाता।