बॉलीवुड डेस्क. लेखक और गीतकार जावेद अख्तर ने दिल्ली हिंसा को लेकर पार्षद ताहिर हुसैन पर हुई कानूनी कार्रवाई पर सवाल उठाया है। उन्होंने गुरुवार शाम अपने एक ट्वीट में लिखा, “कई लोग मारे गए, कई घायल हैं, कई घर जला दिए गए, कई दुकानें लूट ली गईं, कई लोग बेसहारा हो गए। लेकिन पुलिस ने सिर्फ एक घर को सील किया और उसके मालिक की तलाश कर रही है। दुर्भाग्य से उसका नाम ताहिर है। दिल्ली पुलिस के सामंजस्य को सलाम।”
बाद में सफाई- मुझे गलत समझा
जब एक ट्विटर यूजर ने जावेद के ट्वीट पर कमेंट करते हुए पूछा कि आखिर क्यों वे हमेशा अपने भाइयों का बचाव करते हैं? तो गीतकार ने सफाई देते हुए लिखा, “मुझे गलत समझ लिया। मैं यह नहीं कह रहा कि ताहिर क्यों? मेरा सवाल है सिर्फ ताहिर ही क्यों? उन लोगों के खिलाफ भी एफआईआर क्यों नहीं होती, जिन्होंने पुलिस की मौजूदगी में खुलेआम हिंसा की धमकी दी। जबकि हाईकोर्ट भी हिंसा के इस तांडव में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठा चुका है।”
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ताहिर पर हत्या का केस दर्ज
ताहिर हुसैन पर करावल नगर में हिंसा भड़काने के आरोप लगे हैं। इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के कॉन्स्टेबल अंकित शर्मा के भाई-पिता के अलावा भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने ताहिर पर ही अंकित की हत्या के आरोप लगाए हैं। उनके खिलाफ दिल्ली के दयालपुर पुलिस थाने में धारा 302 (हत्या) के तहत एफआईआर दर्ज की गई। इसके बाद आम आदमी पार्टी ने हुसैन को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया। गुरुवार दोपहर में उसकी बिल्डिंग से पेट्रोल बम, पत्थर, गुलेल और एसिड मिला था।
जावेद ने वारिस पठान मामले पर भी किया था सवाल
बीते दिनों जब एआईएमआईएम के विधायक वारिस पठान पर भड़काऊ भाषण के चलते कर्नाटक के एफआईआर दर्ज हुई, तब भी जावेद अख्तर ने सवाल उठाया था। उन्होंने ट्वीट में लिखा था, “खुशी है कि वारिस पठान के खिलाफ हुई एफआईआर दर्ज की गई। एक एफआईआर गिरिराज सिंह के खिलाफ भी दर्ज होनी चाहिए, जिन्होंने सुझाव दिता था कि सभी मुसलमानों को पाकिस्तान चले जाना चाहिए। यह टिप्पणी कर न केवल उन्होंने भारतीय मुसलमानों, बल्कि देश के संविधान का भी अपमान किया था।”
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गौरतलब है कि कर्नाटक के गुलबर्ग में एक रैली के दौरान भड़काऊ बयान देते हुए वारिस पठान ने कहा था कि वे कहते हैं कि हमने अपनी महिलाओं को सामने रखा है, अभी तो केवल शेरनियां बाहर आई हैं और आप पसीना-पसीना होने लगे हैं। तब क्या होगा जब हम सभी साथ आ जाएंगे। 15 करोड़ हैं, लेकिन सौ पर भी भारी हैं, ये याद रखना। पठान के इस बयान पर कर्नाटक के कलबुर्गी में धारा 117, 153 (दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना) और 153A (दो समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) के तहत एफआईआर दर्ज हुई थी।