खेल डेस्क.<\/strong> एशियन कुश्ती चैम्पियनशिप में भारत के लिए गुरुवार का दिन अच्छा रहा। भारत की दो महिला पहलवानों ने गोल्ड जीतकर इतिहास रचा। शुरुआत दिव्या काकरान ने की। उन्होंने 68 किलो भार वर्ग में अपने सारे मुकाबले विपक्षी पहलवान को चित कर जीते। इसमें जापान की जूनियर वर्ल़्ड चैम्पियन नरुहा मातयुसुकी भी शामिल हैं। दिव्या के बादपिंकी नेमहिलाओं के 55 किलो वर्ग में देश को दूसरा गोल्ड दिलाया। उन्होंने फाइनल में मंगोलिया की दुल्गुन बोलोरमा को 2-1 से शिकस्त दी। इस जीत के साथ वे चैम्पियनशिप के इतिहास में गोल्ड जीतने वालीं तीसरी भारतीय महिला बनीं। पिंकी ने मरीना जुयेवा को सेमीफाइनल में 6-0 से हराया था।<\/p>\n<\/p>\n एशियन गेम्स की कांस्य पदक विजेता दिव्या ने 68 किग्रा में पहले कजाखिस्तान की एलबिना कैरजेलिनोवा को पस्त किया और फिर मंगोलिया की डेलगेरमा एंखसाइखान को हराया। मंगोलियाई पहलवान के खिलाफ उनका डिफेंस कुछ कमजोर दिखा, लेकिन वह अपनी प्रतिद्वंद्वी को हराने में सफल रहीं। तीसरे राउंड में दिव्या का सामना उज्बेकिस्तान की एजोडा एसबर्जेनोवा से था और उन्होंनेमहज 27 सेकेंड में ही उन्हेंचित कर दिया। इसके बाद उनका सामानजापान की जूनियर वर्ल्ड चैंपियन से हुआ। इस वक्त दिव्या ने उस पर 4-0 की बढ़त हासिल कर ली थी। लेकिन दूसरे राउंड में जापानी पहलवान ने स्कोर को 4-4 से बराबर कर दिया। लेकिन भारतीय पहलवान ने आक्रामक खेल दिखाते हुए वापसी की और मैच अपने नाम कर लिया।<\/p>\n<\/p>\n मैंने बड़ी जीत के लिए खतरा उठाया : दिव्या<\/strong><\/p>\n जीत के बाद दिव्या ने कहा कि मुझे 5 अंक हासिल करने के लिए सारे मुकाबले विपक्षी को चित करके ही जीतने थे। क्योंकि जापानी पहलवान बड़े अंतर से जीत रही थी। इसलिए मैंने बड़ी जीत के लिए खतरा उठाया। हालांकि, कोच ने मुझे ऐसा करने से मना किया था।नवजोत कौर एशियाई चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान थीं। इन्होंने 2018 में किर्गिस्तान के बिशकेक में 65 किलो वर्ग में खिताब जीता था।<\/p>\n Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today<\/a><\/p>\n