कोलकाता. <\/strong>सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर बने एक विज्ञापन को लेकर निर्देश जारी किए। बोर्ड ने कहा कि अगर विज्ञापन फिल्म के लिए यू सर्टिफकेट चाहिए तो इसमें से बांग्लादेश शब्द को या तो हटा दिया जाए, या फिर बदल दिया जाए। सीबीएफसी के क्षेत्रीय कार्यालय में सीएए से जुड़ी 4 फिल्में सर्टिफिकेट के लिए अटकी हैं। इस दौरान बोर्ड ने 5 संशोधनों के निर्देश दिए थे। इसके अलावा एक डिस्क्लेमर देने को भी कहा है।<\/p>\n<\/p>\n ये विज्ञापन संघमित्रा चौधरी द्वारा प्रोड्यूस और डायरेक्ट किए गए हैं। इन्हें 27 दिसंबर को सर्टिफिकेशन के लिए भेजा गया था। बोर्ड से जुड़े सूत्र के मुताबिक, सभी बदलाव केवल दिशा-निर्देशों के आधार पर सुझाए गए हैं।<\/p>\n<\/p>\n सभी पहलुओं पर विचार के बाद ही काटछांट के सुझाव- सीबीएफसी<\/strong> सीएए को लेकर डर को दूर करने के लिए बनाए विज्ञापन- संघमित्रा<\/strong> सीबीएफसी ने क्या निर्देश दिए हैं?<\/strong><\/p>\n निर्देशक अब बदलाव करने से पहले अपनी टीम से परामर्श करने की प्रतीक्षा कर रही हैं। संघमित्राने कहा,”ये सामयिक विज्ञापन थे और कानून पारित होने के तुरंत बाद प्रसारित किए गए थे। मैं इस बात से परेशान हूं कि सीबीएफसी ने बदलावों की जांच करने और सुझाव देने में काफी समय लिया है।”<\/p>\n Download Newsnffeds App to read Latest Hindi News Today<\/a><\/p>\n
बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी पार्थ घोष ने कहा- “यह सुझाव दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए दिए गए हैं। इससे यह निश्चित होगा कि विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध तनावपूर्ण न हो जाएं। किसी भी कानून पर विज्ञापनों को प्रमाणित करने के लिए सावधानी की आवश्यकता है। सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद ही काटछांट के सुझाव दिए गए हैं।’<\/p>\n<\/p>\n
डायरेक्टर संघमित्रा का कहना है कि ये विज्ञापन सीएए को लेकर लोगों के मन में उत्पन्न हुए डर को दूर करने के लिए बनाए गए थे। उन्होंने कहा कि मुझे इस विज्ञापन से बंगाली भाषा हटाने के लिए नहीं कहा गया है इसलिए यह समझ नहीं आ रहा है कि बांग्लादेश शब्द को हटाने या बदलने से किसी भी उद्देश्य की पूर्ति हो सकती है या नहीं।<\/p>\n<\/p>\n\n