मॉस्को. <\/strong>चीन में कोरोनावायरस फैलने को लेकर कई सिद्धांत और गलत जानकारियां इंटरनेट पर मौजूद हैं, लेकिन रूस वायरस के पीछे पश्चिमी देशों को जिम्मेदार ठहरा रहा है। रूसी‘चैनल वन’ अपने प्राइम टाइम शो ‘रेम्या’ (टाइम) में इस विषय पर चर्चा कर रहा है। टीवी चैनल के मुताबिक, चीन में कोरोनावायरसफैलने के पीछे पश्चिमी देशों खासकर अमेरिका की साजिश है। इसमें बताया गया कि कोरोनावायरस के प्रसार के लिए डोनाल्ड ट्रम्प जिम्मेदार हैं, क्योंकि वेसौंदर्य प्रतियोगिताओं की अध्यक्षता करते हैं और विजेता को यह क्राउन सौंपते हैं। ‘कोरोना’ शब्द का लैटिन और रूसी भाषा में अर्थ क्राउन (शासक) होता है।<\/p>\n<\/p>\n बीबीसी के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने वायरस को कोरोना नाम इसलिए दिया, क्योंकि यह दिखने में क्राउन की तरह लगता है। हालांकि‘रेम्या’ के प्रस्तोता इस आइडिया को पूरी तरह खारिज करते हैं। चैनल पर आए एक्सपर्ट्स काकहना है कि कोरोनावायरस को कृत्रिम रूप से तैयार किया गया है और इसके पीछे अमेरिकी खुफिया एजेंसी और फार्मास्यूटिकल कंपनियां है। इससे पहले, रूसी मीडिया और अधिकारियों ने दावा किया था कि अमेरिका ने जॉर्जिया में एक प्रयोगशाला बनाई है, जहां इंसानपर जैविक हथियारों का परीक्षण किया गया था।<\/p>\n<\/p>\n चीनीअर्थव्यवस्था को कमजोर करने की साजिश<\/strong> मॉस्को केचर्च में प्रार्थना <\/strong><\/p>\n कोरोनावायरस को लेकर रूस में भय का माहौल है। रूस ने चीन की तरफ जाने वाली रेल और हवाई सेवा में कटौती की है। मॉस्को स्थित एक चर्च में कोरोनावायरस से मुक्ति के लिए प्रार्थना की गई। रूसी अखबार वेदोमोस्ती के मुताबिक, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के कार्यक्रम में शामिल होने से पहले लोगों के तापमान की जांच की गई। सरकारी प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने इसे ऐहतियाती कदम बताया।इस बीच, चीन में फंसे रूसी नागरिकों को अस्पताल में दो हफ्ते के लिए निरीक्षण में रखा गया है। इस वायरस के कारण चीन में अब तक 812 लोगों की मौत हो चुकी है।<\/p>\n आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें <\/a> <\/p>\n
चैनल वनके संवाददाताका कहना है कि अमेरिका में हुए परीक्षण के चलते ही कोरोनावायरस फैला, क्योंकि इसका असर सिर्फ एशियाई लोगों पर ही दिख रहा है।यह एक प्रकार का जैविक हथियार भी हो सकता है। अमेरिका इस वायरस काटीका का ईजाद कर रहा है, ताकि वह इससे मुनाफा कमा सके और प्रतिस्पर्धी के तौर पर चीन की अर्थव्यवस्था को कमजोर किया जा सके।<\/p>\n<\/p>\n