नई दिल्ली\/बीजिंग.<\/strong> भारत में कोरोनावायरस का पहला मामला सामने आया है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, वुहान से लौटे केरल के छात्र में इस वायरस की पुष्टि हुई है। उसकी हालत स्थिर है और उसके स्वास्थ्य पर लगातार नजर रखी जा रही है। मलेशिया में काम करने वाले त्रिपुरा के 23 साल के युवक की कोरोनावायरस से मौत हो गई है। युवक के दादा ने बताया कि मलेशिया के अधिकारियों ने बुधवार सुबह सूचना दी थी। युवक रेस्त्रां में काम करता था और मंगलवार रात उसकी मौत हो गई।<\/p>\n<\/p>\n ये भी पढ़े<\/strong><\/p>\n कोरोनावायरस के निमोनिया जैसे लक्षण, फिलहाल कोई इलाज नहीं; जानवरों से इंसान में आने की आशंका<\/a><\/p>\n<\/div>\n<\/div>\n चीन में कोरोनावायरस से 170 लोगों की मौत हो चुकी है। 24 घंटे में 1700 नए मामले सामने आए हैं। अब तक 7711 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने गुरुवार को इस मामले पर बैठक करेगा। अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल भी घोषित किया जा सकता है।<\/p>\n<\/p>\n वुहान में 500 भारतीय छात्र, उनका खाने-पीने का सामान खत्म हो रहा<\/strong><\/p>\n भारतीय विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि हम चीन में फंसे अपने नागरिकों को वापस लाने के लिए दो विमानवहां भेजना चाहते हैं। भारतीय दूतावास चीन सरकार से इस संबंध में बातचीत कर रहा है। वुहान में करीब 500 भारतीय छात्र पढ़ते हैं। कुछ छात्रों ने भारतीय दूतावास से कहा था कि उनके पास खाने-पीने का सामान खत्म हो रहा है। छात्रों ने जल्द से जल्द उन्हें वुहान से निकाले जाने की अपील की थी।<\/p>\n<\/p>\n यह मिशन सामान्य बचाव और राहत प्रयासों से अलग: पायलट संघ<\/strong><\/p>\n भारतीय पायलटसंघ ने कहा है कि एयरलाइंस किसी भी तरह की गलतियों को बर्दाश्त नहीं कर सकती और संक्रमण फैलाने का जोखिम नहीं उठा सकती है। एयर इंडिया के प्रमुख अश्वनी लोहानी को लिखे पत्र में,पायलटों के गिल्ड ने कहा कि यह मिशन सामान्य बचाव और राहत प्रयासों से काफी अलग होगा। पायलट संघ में लगभग 600 सदस्य हैं। चीन में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए दो उड़ानों का संचालन किया जाना है।<\/p>\n<\/p>\n चीन में भारत से हो रही मास्क की सप्लाई<\/strong><\/p>\n चीन में मास्क की बढ़ी मांग के बीचतमिलनाडु के मदुरै में निर्माता कंपनी N-95 ज्यादा से ज्यादा उत्पादन करने के लिए अतिरिक्त घंटे काम कर रहीहै। एएम मेडीवियर के एमडी अभिलाष ने कहा कि हमें भारतीय निर्यातकों से भारी संख्या में ऑर्डर मिल रहे हैं, जो चीन में मास्क भेजेंगे। हमारा उत्पादन दोगुना हो गया है।<\/p>\n<\/p>\n ‘सार्स की तुलना में आसानी फैलता है कोरोनावायरस’<\/strong> नेचर पत्रिका ने 2018 में मलिक को ‘साइंस स्टार्स ऑफ एशिया’ बताया था। उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तब पहचान मिली, जब 2003 में उनकी प्रयोगशाला ने सार्स को एक अलग तरह का कोरोनावायरस बताया था। उन्होंने बताया कि सार्स की तुलना में नोवेल-कोरोनावायरस लोगों में आसानी से फैलता है। हॉन्गकॉन्ग यूनिवर्सिटी के पब्लिक हेल्थ वायरोलॉजिस्ट ने 2019 नोवेल कोरोनावायरस की पहचान करने के लिए एक परीक्षण भी किया है।<\/p>\n कोरोना को लेकर उठाए गए कदम:<\/strong><\/p>\n भारत समेत 30 देशों में संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा<\/strong><\/p>\n कोरोनावायरस का पहला मामला दिसंबर में चीन के वुहान शहर में सामने आया। इसके बाद अब तक करीब 16देशों में कोरोनावायरस के मामले की पुष्टि हो चुकी है। साउथहैम्पटन यूनिवर्सिटी के अध्ययन के मुताबिक, संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा थाईलैंड में है। लिस्ट में जापान दूसरे और हॉन्गकॉन्ग तीसरे नंबर पर है। ऑस्ट्रेलिया 10वें, ब्रिटेन 17वें नंबर पर है। इस लिस्ट में भारत का नंबर 23वां है।<\/p>\n<\/p>\n करीब 17 देशों में कोरोनावायरस के मामलेकी पुष्टि<\/strong> आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें <\/a> <\/p>\n
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, हॉन्गकॉन्ग के प्रोफेसर मलिक पीरिस का कहना है कि नोवेल कोरोनावायरस 2003 के सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (सार्स) की तुलना में तेजी से फैलता है। हालांकि, कोरोनावायरस से लोगों की मौत कम हुई है। पीरिस ने 2003 में सार्स की पहचान करने में अहम भूमिका निभाई थी। हालांकि, नया कोरोनावायरस 2009 के इन्फ्लुएंजा ए (एच1एन1) की तुलना में ज्यादा गंभीर है।<\/p>\n\n
दुनिया के करीब 16 देश इसकी चपेट में हैं। बुधवार सुबह तक थाईलैंड में 14, हॉन्गकॉन्ग में 10, ताइवान में 8, जापान, सिंगापुर, मकाऊ और मलेशिया में 7-7, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका में 5-5, दक्षिण कोरिया, यूएई और जर्मनी में 4-4, कनाडा और वियतनाम में 2-2, कंबोडिया और नेपाल में 1-1 मामले की पुष्टि हो चुकी है।<\/p>\n