लखनऊ.<\/strong> उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आर्मी स्कूल का पहला सत्र अप्रैल से शुरू हो जाएगा। यह संघ द्वारा संचालित अपनी तरह का पहला स्कूल है, जहां पढ़ने वाले छात्रों को सेना में जाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। संघ के एक पदाधिकारी ने कहा कि यहां शिक्षा का आधार संस्कार, संस्कृति और समरसता का भाव होगा। न्यूज एजेंसी आईएएनएस ने जब उनसे सवाल किया कि क्या संस्कृतिऔर समरसता के पाठ को हिंदुत्व की शिक्षा माना जाए तो उन्होंने जवाब दिया- हमारा फोकस राष्ट्रभक्ति पर है, अगर कोई इसे हिंदुत्व से जोड़ता है तो यह उसकी समस्या है।<\/p>\n<\/p>\n संघ का यह स्कूल उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में खोला जाएगा। इसका नाम पूर्व सरसंघ चालक राजेंद्र सिंह उर्फ रज्जू भैया के नाम पर “रज्जू भैया सैनिक विद्या मंदिर (आरबीएसवीएम)” रखा गया है।<\/p>\n<\/p>\n छात्रों को शिक्षा के साथ नैतिक दिशा भी मिले- संघ<\/strong> बच्चों को एनडीए, नेवल अकादमी के लिए तैयार करेंगे- डायरेक्टर<\/strong> कैसा होगा संघ का आर्मी स्कूल?<\/strong><\/p>\n मनमोहन वैद्य ने भास्कर से कहा था- स्वयंसेवकों ने पहले भी आर्मी स्कूल खोले<\/strong> आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें <\/a> <\/p>\n
वरिष्ठ संघ पदाधिकारी ने कहा- हम चाहते हैं कि यहां के छात्र सेनाओं में जाएं। वे संस्कार, संस्कृति और समरसता के भाव लेकर वहां जाएं और हमारी सेना आने वाले वर्षों में और ज्यादा मजबूत होकर उभरे। हमारी सोच छात्रों को अच्छी शिक्षा के साथ नैतिक और अध्यात्मिक दिशा भी देना है। यह केवल आवासीय विद्यालयों में संभव है। संघ के पदाधिकारी और स्वयंसेवक छात्रों को यह दिशा देंगे, जिससे वे आने वाले समय में सशस्त्र सेनाओं की चुनौतियों का सामना कर सकें।<\/p>\n<\/p>\n
आरबीएसवीएम के डायरेक्टर कर्नल शिव प्रताप सिंह ने कहा- हम यहा बच्चों को एनडीए, नौसेना अकादमी, तकनीकी परीक्षाओं और सेना के लिए तैयार करेंगे। इस स्कूल के लिए 23 फरवरी तक रजिस्ट्रेशन होगा। एक मार्च को प्रवेश परीक्षा होगी। हम रीजनिंग, सामान्य ज्ञान, गणित और अंग्रेजी में आवेदक छात्रों की काबिलियत को परखेंगे। लिखित परीक्षा के बाद इंटरव्यू और फिर मेडिकल टेस्ट होगा। पहला सेशन 6 अप्रैल से शुरू होगा।<\/p>\n\n
कुछ दिन पहले संघ के आर्मी स्कूल की रिपोर्ट आने पर भास्कर ने संघ के सर कार्यवाह मनमोहन वैद्य से बात की थी। उन्होंने कहा था कि संघ का काम शाखा लगाना है, स्कूल चलाना नहीं है। दूसरी बात यह कि मीडिया में जो खबरें आ रही हैं कि ऐसा पहला आर्मी स्कूल खोला जा रहा है, यह सही नहीं है। इससे पहले भी स्वयंसेवकों ने आर्मी स्कूल खोले हैं। हां, यह उत्तर प्रदेश का पहला आर्मी स्कूल जरूर हो सकता है। रही बात आर्मी स्कूल खोलने की जरूरत की तो यदि देश की सेवा के लिए बच्चों को तैयार किया जाए ताे इसमें गलत क्या है? आज जरूरत है कि बच्चों को सेना में जाने के लिए शिक्षित किया जाए। उन्हें तैयार किया जाए ताकि आगे चलकर वे देश सेवा कर सकें।<\/p>\n