जम्मू-कश्मीर के सस्पेंड किए गए डीएसपी देविंदर सिंह को पाकिस्तानी हैंडलर ने विदेश मंत्रालय में कॉन्टैक्ट बनाने का काम सौंपा था ताकि जासूसी को अंजाम दिया जा सके। नेशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी (एनआईए) ने अपनी चार्जशीट में बताया है कि जम्मू की संवेदनशील एंटी हाईजैकिंग यूनिट में पोस्ट किए गए देविंदर सिंह पाकिस्तानी हैंडलर्स से तब भी जुड़े हुए थे, जब उन्हें दिल्ली स्थित पाक दूतावास से वापस पाकिस्तान भेज दिया गया था।<\/p>\n
देवेंदर ने अपने मोबाइल में इन हैंडलर्स के नंबर पाक भाई के नाम से सेव किए थे। जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन को सपोर्ट मुहैया कराए जाने के मामले में एनआईए ने 3064 पन्नों की चार्जशीट जम्मू की स्पेशल कोर्ट में दाखिल की है। एनआईए ने पीएमएलए के तहत देविंदर सिंह और पांच अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया था।<\/p>\n
देविंदर को वीआईपी मूवमेंट की जानकारी देने का काम सौंपा गया था<\/strong><\/p>\n 11 जनवरी को मोस्ट वांटेड नवीद बाबू के साथ गिरफ्तार किया गया था देविंदर<\/strong><\/p>\n देविंदर को इसी साल 11 जनवरी को हिज्बुल मुजाहिदीन के मोस्ट वांटेड आतंकवादी नवीद बाबू के साथ गिरफ्तार किया गया था। शोपियां का रहने वाला नवीद आतंकी बनने से पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस में ही था। इसके अलावा देविंदर के साथ दूसरा आंतकी रफी अहमद था, जो नवीद के साथ ही हिजबुल में था। तीसरा इरफान अहमद था, जो पेशे से वकील है। सूत्रों के मुताबिक, इरफान 5 बार पाकिस्तान गया था और जब इरफान को पकड़ा गया तो उसके साथ उसका पासपोर्ट भी मिला।<\/p>\n आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें <\/a> <\/p>\n\n