राहत पैकेजे जारी करतीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण।<\/figcaption><\/figure>\nभारत सरकार इस पैकेज के जरिए एक नागरिक पर औसतन करीब 1200 रुपए खर्च करेगी। यह पैकेज अमेरिकी राहत पैकेज के एक दिन बाद आया है। बुधवार को अमेरिकी संसद सीनेट ने कोरोना संकट के बीच देश के करीब 30 करोड़ लोगों के लिए 2 ट्रिलियन डॉलर(151 लाख करोड़ रुपए) का राहत पैकेज जारी किया था। इसके जरिए ट्रम्प सरकार एक नागररिक पर औसतन 4.55 लाख खर्च करेगी। यह अमेरिकी इतिहास का सबसे बड़ा राहत पैकेज है। यही नहीं, यह दुनिया में किसी भी देश द्वारा जारी किया गया सबसे बड़ा राहत पैकेज भी है। इसका असर भी देखने को मिला, बुधवार को अमेरिकी स्टॉक मार्केट डाउ जोंस में 1929 के सबसे बड़ी तेजी भी दर्ज की गई। हालांकि भारत सरकार का राहत पैकेज अमेरिका की तुलना में कहीं नहीं ठहरता है।<\/p>\n
रकम के लिहाज से अमेरिका का राहत पैकेज सबसे बड़ा (151 लाख करोड़ रुपए या 2 लाख करोड़ डॉलर) है। वहीं, अगर देशों की आबादी और प्रति व्यक्ति मदद के हिसाब से देखें तो कतर का पैकेज सबसे बड़ा हो जाता है। करीब 28 लाख की आबादी वाले कतर ने 2300 करोड़ डॉलर का पैकेज जारी किया है। इस तरह यह पैकेज प्रति व्यक्ति 8214 डॉलर (करीब 6.18 लाख रुपए) का हो जाता है। इसके बाद जर्मनी (5.48 लाख रुपए) का नंबर आता है। यूरोपियन यूनियन ने सदस्य देशों के लिए 82,000 करोड़ डॉलर का पैकेज जारी किया है। फ्रांस सहित ईयू के कई देशों ने अपने यहां अलग पैकेज भी दिए हैं।<\/p>\n
भारत में अभी और हो सकती हैं घोषणाएं<\/strong><\/p>\nवित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि गुरुवार को जारी राहत पैकेज आखिरी नहीं होगा। सरकार कोरोनावायरस के कारण संकट से जूझ रही कंपनियों और अन्य वित्तीय संस्थानों की मदद के लिए भविष्य में घोषणाएं कर सकती हैं। ऐसा होने पर भारत का राहत पैकेज बड़ा हो जाएगा और प्रति व्यक्ति मदद का आंकड़ा भी बेहतर होगा।<\/p>\n