राजयोग में होलिका दहन का शुभ फल<\/strong> ग्रह नक्षत्रों से बन रहे शुभ योग<\/strong><\/p>\n होली की पूजा कैसे और कब करें<\/strong> पूजा का महत्व<\/strong> भद्रा में नहीं होता होलिका दहन और पूजा<\/strong> पूर्णिमा तिथि<\/strong> भद्रा काल<\/strong> होलिका दहन और पूजा मुहूर्त<\/strong> रंग धुलेंडी<\/strong> आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें <\/a> <\/p>\n
होलिका दहन पर बुध और चंद्रमा से शंख योग बन रहा है। इस राजयोग के प्रभाव से देश की प्रतिष्ठा बढ़ेगी। देश की प्रगति और आर्थिक स्थिति में भीसुधार होने की संभावना है। वहीं, शनि के प्रभाव से हर्ष नाम का राजयोग बन रहा है। इसके प्रभाव से देश की सुरक्षा और आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। दुश्मनों पर विजय मिलेगी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ताकतवर देशों में भारत की गिनती होगी। वहीं, स्वराशि स्थित बृहस्पति से बन रहे हंस योग से देश में धार्मिक भेदभाव की स्थिति खत्म होगी।<\/p>\n\n
होली की पूजा से पहले भगवान नरसिंह और प्रह्लाद की पूजा की जाती है। पूजा के बाद अग्नि स्थापना की जाती है यानी होली जलाई जाती है। उस अग्नि में अपने-अपने घर से होलिका के रूप में उपला, लकड़ी या कोई भी लकड़ी का बना पुराना सामान जलाया जाता है। मान्यता है कि किसी घर में बुराई का प्रवेश हो गया हो तो वह भी इसके साथ जल जाए।<\/p>\n
घर में सुख-शांति, समृद्धि, संतान प्राप्ति आदि के लिए महिलाएं इस दिन होली की पूजा करती हैं। होलिका दहन के लिए लगभग एक महीने पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी जाती हैं। कांटेदार झाड़ियों या लकड़ियों को इकट्ठा किया जाता है, फिर होली वाले दिन शुभ मुहूर्त में होलिका दहन किया जाता है। होलिका दहन में जौ और गेहूं के पौधे डाले जाते हैं। शरीर में उबटन लगाकर उसके अंश भी डाले जाते हैं। ऐसा करने से जीवन में आरोग्य और सुख समृद्धि आती है।<\/p>\n
होली की पूजा प्रदोषकाल यानी शाम को करने का विधान है। होलिका दहन पूर्णिमा तिथि पर होने से इस पर्व पर भद्रा काल का विचार किया जाता है। भद्रा काल में पूजा और होलिका दहन करने से रोग, शोक, दोष और विपत्ति आती है। लेकिन इस साल भद्रा काल दोपहर करीब 1:38 तक ही रहेगा। इसलिए शाम को होलिका पूजन और दहन किया जा सकता है।<\/p>\n
प्रारंभ – 9 मार्च को सुबह 03 बजे
समाप्त – 9 मार्च को रात 11:20 तक<\/p>\n
9 मार्च की सुबह 09:40 से दोपहर 12:25 तक
भद्रा काल रहेगा, इस समय शुभ कार्य वर्जित है।<\/p>\n
शाम 6:35 से रात 11:05 तक <\/p>\n
10 मार्च को होली पर माता-पिता सहित सभी बड़े लोगों के पैरों में रंग लगाकर आशीर्वाद लें। इससे प्रेम बढ़ता है।\t\t<\/p>\n