बॉलीवुड डेस्क. कोरोनावायरस के चलते अनुपम खेर अपने मुंबई स्थित घर में रहकर 21 दिन के लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं। हालांकि, वे सोशल मीडिया के जरिए चाहने वालों से जुड़े हुए हैं और अपनी एक्टिविटीज से उन्हें रूबरू करा रहे हैं। दुनिया के ताजा हालात को लेकर अनुपम ने एक छोटी सी कविता लिखी है और उसे ट्विटर पर भी साझा किया है।
अनुपम लिखते हैं, “घर गुलजार, सूने शहर, बस्ती बस्ती मे कैद हर हस्ती हो गई, आज फिर जिंदगी महंगी और और दौलत सस्ती हो गई।” गौरतलब है कि 24 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में 21 दिन के लॉकडाउन का ऐलान किया था। मोदी ने इस पीरियड में जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों को छोड़कर बाकी सबसे घर से न निकलने की अपील की है।
लॉकडाउन को विफल बनाने को लगाई थी फटकार
अनुपम ने रविवार सुबह एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें वे लॉकडाउन को विफल बनाने वालों पर भड़कते नजर आ रहे थे। वीडियो में वे कह रहे थे, “नमस्ते जी, हमारे देश में न कुछ घटिया प्रवृत्ति के लोग हैं, हर देश में हैं, लेकिन हमारे यहां कुछ स्पेशल हैं और वही गिने-चुने दोबारा घूम-घूम के आते हैं। देश में लॉकडाउन 95 प्रतिशत कामयाब है, लेकिन ये वो चीजें ढूंढते हैं कि जहां पर कैसे देश की बेइज्जती करें। कहां की तस्वीरें उठाएं कि कहां लॉकडाउन कामयाब नहीं हैं और कैसे उन तस्वीरों को वायरल करें। कैसे उन तस्वीरों को अखबार के मुखपृष्ठ पर डालें। ये 2% लोग जो हैं, ये लोगों में फैला रहे हैं एक किस्म का डर। देश की बेइज्जती तो करते ही करते हैं, लेकिन डर भी फैला रहे हैं।”
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‘इडियट्स कुछ तो शर्म करो’
खेर ने वीडियो में आगे कहा था, ‘ये इतने घटिया लोग हैं कि ये अपने घरवालों को क्या समझाते होंगे यार? ये अपने मां-बाप को अपने बच्चों को क्या समझाते होंगे? किस तरह से उनसे कहते होंगे कि इनका क्या योगदान है देश में। ये कोशिश है इनकी कि किसी तरह से, किसी न किसी तरह से जो अच्छा काम हो रहा है देश में, जो 95% लॉकडाउन सफल हो रहा है, उसे कैसे तरह से नेस्तनाबूद करें। कैसे हम देश को छोटा दिखाएं, कैसे हम ऐसी हरकतें करें कि लोगों का मनोबल कम हो। अरे इडियट्स कुछ तो शर्म करो यार।’
‘गुस्सा आता है कभी-कभी’
इसके बाद उन्होंने कहा था, ‘तो दोस्तों, इन लोगों के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है। आप अपने इलाके के जहां पर सब जगह ये लॉकडाउन कामयाब है, वहां की तस्वीरें सोशल मीडिया पर डालिए। क्योंकि ये सब तो चलता रहेगा, ये लोग इस बात को मान के चलते हैं कि ये भी एक वास्तविकता है। अरे ये वास्तविकता है, तो हम भी अपनी वास्तविकता आपको दिखाते हैं। तो आप भी अपनी वास्तविकता जो है दुनिया को दिखाइए, लॉकडाउन कामयाब है। वैसे भी ये तो कोशिश है न, अरे हम अपनी जिंदगी के बारे में कोशिश ही करते हैं और ये नहीं सोचते कि कामयाब होंगे या नहीं। ओम नमः शिवाय, गुस्सा आता है कभी-कभी।”