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भोपाल से कांग्रेस विधायक जयपुर भेजे जा सकते हैं, 5 दिन की तैयारी से बुलाया

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भोपाल/नई दिल्ली.मध्य प्रदेश में सरकार का संकट टालने के लिए कांग्रेस की कोशिशें शुरू हो गई हैं।बताया जा रहा है कि कांग्रेस विधायक 5 दिन के लिए जयपुर भेजे जा रहेहैं।सीएम हाउस आने से पहले विधायक आरिफ मसूद ने इस बात की पुष्टि की है। दावा है कि कांग्रेस विधायकों के साथ4 निर्दलीय विधायक भी जा रहे हैं। इसके लिए विशेष विमान भी आ गया है।

कांग्रेस आलाकमान भी संकट टालने के लिए सक्रिय

सीएम हाउस में मंगलवार कोहुई विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विधायकों से स्पष्ट कहाकि नंबर हमारे पास हैं और फ्लोर टेस्ट पर बहुमत साबित करेंगे। कमलनाथ का दावा है कि बेंगलुरु गए 19 विधायक उनके संपर्क में हैं। पार्टी आलाकमान ने इन विधायकों को मनाने की जिम्मेदारी मंत्री गोविंद सिंह, सज्जन वर्मा औरडीके शिवकुमार को सौंपी है। गोविंद सिंह और सज्जन कुमार बेंगलुरु पहुंच चुके हैं।पार्टी सूत्रों की मानें तो जल्द ही 19 विधायक भोपाल लौट आएंगे।

3 वरिष्ठ नेता भी भोपाल आएंगे
आलाकमान ने दिल्ली से 3 महासचिवों दीपक बावरिया, मुकुल वासनिक और हरीश रावत कोभोपाल भेजने का फैसला किया है। इन्हें कांग्रेस विधायकों से बातचीत करने की जिम्मेदारी दी गई है। तीनों नेता आने वाले कुछ दिनों तक भोपाल में ही डेरा जमाएंगे।

विधायकों के संपर्क में हैं डीके शिवकुमार
डीके शिवकुमार बेंगलुरु में रुके पार्टी के विधायकों के संपर्क में हैं। बताया जा रहा है कि वे विधायकों को मनाने के बाद विधायकों को लेकर पहले दिल्ली और फिर भोपाल ला सकते हैं। कमलनाथ के दिल्ली जाने की खबर है और वे बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिल सकते हैं।

कर्नाटक के कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार।

कांग्रेस की दो रणनीतियां

  1. फ्लोर टेस्ट पास करें:बेंगलुरु गए विधायकों को जल्द से जल्द मनाकर पार्टी के साथ लाया जाए। अगर फ्लोर टेस्ट की स्थिति बनती है तो बेंगलुरु गए विधायकों की मदद से कांग्रेस बहुमत साबित कर सकती है। विधायक नहीं माने तो इस स्थिति में कांग्रेस सरकार संकट में आ जाएगी।
  2. सभी कांग्रेस विधायक इस्तीफा दे दें:अगर इस्तीफा देने वाले विधायकों को मनाने में कांग्रेस नाकाम होती है तो वह अपने सभी विधायकों को इस्तीफा देने के लिए भी कह सकती है। अगर सदन में 50%विधायक इस्तीफा दे देते हैं और मुख्यममंत्री कमलनाथ विधानसभा भंग करने की सिफारिश कर दें तो मध्यावधि चुनावों की नौबत आ सकती है। मंगलवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में इन सभी पहलुओं पर गंभीरता से विचार किया गया है।

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बाएं से- कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी दीपक बावरिया और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत।