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दोनों एनएसडी से पासआउट, एक ने 100 तो दूजे ने 500 से ज्यादा फिल्मों में किया काम

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बॉलीवुड डेस्क. हिंदी सिनेमा के दो दिग्गज अभिनेता आमने-सामने हैं। नसीरुद्दीन शाह ने सीएए और एनआरसी का विरोध करते हुए अनुपम खेर पर चापलूस और जोकर कहा था। इसके जवाब में अनुपम भी पीछे नहीं रहे और उन्होंने मेरे खून में हिंदुस्तान है। आप इसको समझ जाइए बस। दोनों की बयानबाजी के बीच नजर डालते हैं, इनके जीवन के दिलचस्प फैक्ट्स पर…

नसीरुद्दीन शाह अनुपम खेर
जन्म: 16 अगस्त 1949 जन्म: 7 मार्च 1955
जन्मस्थान:बाराबंकी,उत्तरप्रदेश जन्मस्थान:शिमला, हिमाचल प्रदेश
पृष्ठभूमि:नसीर के पिता का नाम मोहम्मद शाह है जबकि उनकी मां का नाम फर्रुख सुल्तान है। नसीर के दो बड़े भाई भी हैं। बड़े भाई जमीरूद्दीन शाह भाई जमीरूद्दीन शाह अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर रह चुके हैं। नसीर की स्कूली शिक्षा अजमेर के सेंट एन्सलमाज से पूरी हुई जिसके बाद उन्होंने कॉलेज की पढ़ाई के लिए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का रुख किया। इसके बाद अभिनय की बारीकियां सीखने के लिए उन्होंने दिल्ली के नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में एडमिशन लिया। नसीर के पिता उनके अभिनय की दुनिया में जाने के खिलाफ थे और चाहते थे कि उनका बेटा डॉक्टर, इंजीनियर या आर्मी ऑफिसर बने। इसी वजह से पिता से उनके रिश्ते ठीक नहीं रहे।जब नसीर 18 साल के थे, तो उन्होंने राज कपूर और हेमा मालिनी की फिल्म ‘सपनों के सौदागर’ में काम किया। लेकिन फिल्म रिलीज से पहले ही उनके सीन्स को हटा दिया गया था। एनएसडी से पास होने के बाद उन्होंने बॉलीवुड में किस्मत आजमाना शुरू की। पृष्ठभूमि:अनुपम के पिता पुष्करनाथ खेर वन विभाग में क्लर्क थे और मां का नाम दुलारी है। अनुपम के छोटे भाई राजू खेर भी एक्टिंग की दुनिया में सक्रिय हैं। अनुपम अपने पिता के पदचिन्हों पर चलकर सरकारी नौकरी नहीं करना चाहते थे। स्कूल डेज में ही उन्होंने ‘अनुपम कला संगम’ नामक एक नाट्य ग्रुप की स्थापना की । इसके बाद शिमला के गवर्नमेंट कॉलेज में दाखिला लिया। फिर अपनी मां के मंदिर से 100 रुपए चुराए और एनएसडी में दाखिला लिया था। स्कूल से पढ़े अनुपम के सपने उन्हें मुंबई ले आए। अनुपम अपने स्ट्रगलिंग डेज में मुंबई के रेलवे स्टेशन पर ही सो जाते थे। यहां उन्होंने कई रातें बिताई हैं।
करियर:1975 में नसीर ने फिल्म ‘निशांत’ से डेब्यू किया था। इस फिल्म को बेस्ट फिल्म का नेशनल अवॉर्ड भी मिला था। ये फिल्म ऑस्कर के लिए भी नॉमिनेट हुई थी। बॉलीवुड में डेब्यू करने के दो साल बाद उन्होंने 1977 बेनजामिन गिलानी और टॉम ऑल्टर के साथ मिलकर मोटले प्रोडक्शन हाउस नाम से एक थिएटर ग्रुप की शुरुआत की थी। नसीर आज भी थिएटर से जुड़े हैं। उन्होंने ‘मंथन’, ‘सुनैना’, ‘हम पांच’ , ‘चक्र’, ‘बाजार’, ‘सितम’, ‘गुलामी’, ‘हीरो हीरालाल’, ‘त्रिदेव’ (1989), ‘विश्वात्मा’ ‘कृष’, ‘बेगम जान’, निशांत, आक्रोश, स्पर्श, मिर्च मसाला, अल्बर्ट पिंटो को गुस्सा क्यों आता है, मंडी, जुनून, मोहन जोशी हाजिर हो और अर्थ सहित कई फिल्मों में काम किया है। शाह की पहली पाकिस्तानी फिल्म ‘खुदा के लिए’ थी। इसके बाद उन्होंने दूसरी पाकिस्तानी फिल्म ‘जिंदा भाग’ में काम किया। करियर: अनुपम की डेब्यू फिल्म 1984 में आई ‘सारांश’ मानी जाती है इस फिल्म में 28 साल के अनुपम ने एक मिडिल क्लास रिटायर बूढ़े शख्स का किरदार निभाया था। लेकिन इससे पहले भी वे दो फिल्में 1981 में ‘टाइगर सिक्सटीन’ और 1982 में फिल्म ‘आगमन’ में काम कर चुके थे।अनुपम खेर के फ़िल्मी करियर में मिसाल, मेरे बाद, राम लखन, निशानेबाजी, त्रिदेव, राम लखन, नागिन और लुटेरे, खेल, शोला और शबनम, बेटा, डर, दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे, बड़े मियाँ छोटे मियां, हसीना मान जायेगी, कहो ना प्यार है, शिकार, कोई मेरे दिल से पूछे, एक अलग मौसम, क्या कूल हैं हम, यारां नाल बहारां, यारां नाल बहारां, जानेमन, प्रतीक्षा, आप की खातिर, उमर, विवाह, अपना सपना मनी मनी, शादी से पहले, खोसला का घोसला, चुप चुप के, लागा चुनरी में दाग, गौरी, जाने भी दो यारों, दिलरुबा, दस कहानियां, गांधी पार्क, अय्यारी , ताशकंद फाइल्स जैसी फिल्में शामिल हैं।
निजी जीवन:नसीर की पहली शादी परवीन मुराद (मनारा सिकरी) से हुई थी। उस दौरान नसीर 19 तो परवीन 35 साल की थीं। शादी के एक साल बाद बेटी हीबा शाह का जन्म हुआ। जल्द ही परवीन और नसीर अलग हो गए और हीबा मां के साथ ईरान चली गई थीं। परवीन के अलग होने के कुछ साल बाद नसीर एक्ट्रेस रत्ना पाठक करीब आए। 1982 में रत्ना की मां दीना पाठक के घर पर दोनों ने रजिस्ट्रर्ड मैरेज की थी। रत्ना ने नसीर से शादी करने के लिए मुस्लिम धर्म अपनाया था।रत्ना से शादी के कुछ वक्त बाद नसीर की पहली पत्नी परवीन की डेथ हो थी जिसके बाद बेटी हीबा वापस इंडिया इनके साथ रहने लगी। हीबा की परवरिश नसीर-रत्ना के दोनों बेटों इमाद और विवान के साथ हुई। निजी जीवन:अनुपम की पहली शादी मधुमालती के साथ हुई थी लेकिन ये नाकामयाब रही। इसके बाद वह किरण खेर के करीब आए। जब किरण और अनुपम नादिरा बब्बर के प्ले के लिए कोलकाता गए तो वहां इनकी मुलाकात हुई। इसी मुलाकात के बाद अनुपम ने किरण को प्रपोज कर दिया। दोनों अक्सर मिलने लगे। दोनों ने अपने पार्टनर्स से तलाक ले लिया और 1985 में शादी कर ली। अनुपम ने किरण खेर के बेटे सिकंदर को अपनाकर उसे अपना सरनेम दिया।
सम्मान:2003 में सिनेमा में उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें पद्मभूषण पुरस्कार दिया गया। सम्मान: अनुपम खेर पहले एक्टर हैं जिन्होंने कॉमेडी के लिए 5 बार फिल्मफेयर अवार्ड जीता है और उन्होंने बैक टू बैक 8 बार फिल्मफेयर अवॉर्ड जीते हैं। साथ ही भारत सरकार ने उन्हें 2004 में पद्मश्री और 2006 में पद्मभूषण से सम्मानित किया।

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