नई दिल्ली. दिल्ली के जाफराबाद के पास मौजपुर में दो गुटों के बीच पथरावहुआ। पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी छोड़े। दरअसल, मौजपुर के पास भाजपा नेता कपिल मिश्रा और उनके समर्थक सीएए के समर्थन में हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे थे। इसी दौरान सीएए के विरोधियों और समर्थकों के बीच पथराव की स्थिति बन गई। इससे पहले शनिवार देर रातशाहीनबाग की तर्ज पर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ जाफराबाद मेट्रो स्टेशन पर महिलाओं नेप्रदर्शन शुरू किया था। रविवार दोपहर चांदबाग में भी ऐसा ही प्रदर्शन शुरू हुआ।
प्रदर्शनकारी महिलाओं का कहना था कि जब तक केंद्र सरकार सीएए को वापस नहीं लेती है, तब तक यह प्रदर्शन जारी रहेगा। वहीं, मौजपुर में पथराव के बाद बड़ी संख्या में महिलाओं ने सीएए के समर्थन में धरना शुरू कर दिया है। महिलाओं का कहना है कि जब तक जाफराबाद-शाहीनबाग से सड़कें खाली नहीं कराई जाएंगी, तब तक यह प्रदर्शन जारी रहेगा।
मेट्रो स्टेशन में आने-जाने के गेट बंद कर दिए गए
महिलाओं के प्रदर्शन के चलते दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने जाफराबाद स्टेशन पर मेट्रो ट्रेनों के रूकने पर रोक लगा दी है। मेट्रो स्टेशन में आने-जाने के गेट बंद कर दिए गए हैं।सलीमपुर को यमुना विहार और मौजपुर से जोड़ने वाली सड़कें भी बंद हो गई हैं। भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है। प्रदर्शनकारी महिलाएं हाथों में तिरंगा लेकर आजादी के नारे लगा रही हैं। सामाजिक कार्यकर्ता फहीम बेग ने कहा- सरकार इस मुद्दे को लेकर लापरवाही बरत रही है। इससे लोगों का गुस्सा और भी बढ़ताजा रहा है।
प्रदर्शन के खिलाफ उतरे लोग, बोले- सभी सड़कें खाली करो
शाहीनबाग, जाफराबाद मेट्रो स्टेशन और चांदबाग में सीएए के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन से बंद सभी सड़कों को खोलने की मांग शुरू हो गई है। स्थानीय लोगों का कहना है किबच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। लोगों की नौकरी छूट रही है। यह हमारे मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है। लोगों ने केंद्र और दिल्ली सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द सभी सड़कों को खुलवाया जाए।
सोमवार को मामले पर दो सदस्यीय बेंच सुनवाई करेगी
मध्यस्थों में शामिल पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्ला ने शाहीन बाग में सड़क जाम करने पर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा सौंपा। इसमें कोर्ट को बताया गया कि शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन शांतिपूर्ण है। पुलिस ने इसके आसपास पांच स्थानों को जाम किया है। सोमवार को इस मामले पर दो सदस्यीय बेंच सुनवाई करेगी।
शाहीनबाग में प्रदर्शन का 71वां दिन
शाहीन बाग में नागरिकता कानून के खिलाफ जारी प्रदर्शन का आज 71वां दिन है। इसके पहले शनिवार को सड़क खोलने और बंद करने का नजारा देखने को मिला। प्रदर्शनकारियों के एक धड़े ने रास्ता खोलकर स्थानीय लोगों को जाने दिया। थोड़ी ही देर बाद दूसरे गुट ने रास्ता फिर बंद कर दिया था। हालांकि,रविवार को एक बार फिर से नोएडा-फरीदपुर रोड पर छोटी गाड़ियों का आवागमन शुरू हो गया है।
मध्यस्थों से चौथे दिन की वार्ता भी विफल
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त मध्यस्थ वकील संजय हेगड़े और वकील साधना रामचंद्रन लगातार चौथे दिन शनिवार को शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने पहुंचे। उन्होंने कहा- हम नहीं चाहते कि शाहीन बाग का आंदोलन खत्म हो जाए। हम सड़क खाली करने के मुद्दे पर बात करने आए हैं। वहीं, प्रदर्शनकारियों ने पिछले दो महीने में घटी घटनाओं की जांच कराने और प्रदर्शन स्थल की स्टील शीट से घेराबंदी की मांग की।
राष्ट्र विरोधी संगठन कर रहे साजिश: सदानंद गौड़ा
केंद्रीय मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने सीएए को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन को देश के खिलाफ साजिश बताई। बेंगलुरु में उन्होंने कहा- कुछ राष्ट्रविरोधी संगठन सीएए की आड़ में देश के खिलाफ साजिश रच रहे हैं। ऐसे संगठन विरोध प्रदर्शन के मंच का गलत इस्तमाल कर रहे हैं। कुछ लोग इसका राजनीतिक फायदा भी उठाने में जुटे हैं। केंद्र और राज्य सरकार इसकी जांच कराएगी। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
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