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कोरोना की वजह से टूरिज्म इंडस्ट्री को इस साल 1.25 लाख करोड़ का घाटा होगा, एफएमसीजी सेक्टर को फायदा

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कोरोनावायरस का संक्रमण फैलने और लॉकडाउन की वजह से देश के एफएमसीजी सेक्टर को छोड़ ज्यादातर इंडस्ट्री को नुकसान होगा। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी केयर रेटिंग्स इंडस्ट्री पर होने वाले असर पर रिपोर्ट तैयार की है। इसके मुताबिक पहले से ही मुश्किलों से जूझ रहे ऑटो, होटल और टूरिज्मसेक्टर को ज्यादा नुकसान होगा। पर्यटन उद्योगको इस साल 1.25 लाख करोड़ रुपए के रेवेन्यू का नुकसान हो सकता है। लेकिन, रोजाना जरूरत की चीजों, सैनिटाइजर और क्लीनर की मांग बढ़ने से एफएमसीजी सेक्टर की ग्रोथ में तेजी आएगी। सात प्रमुख सेक्टर पर होने वाले असर को इस तरह समझिए-

1. ऑटो : चीन से सस्ते ट्रांसपोर्ट इक्विपमेंट का 8.6% इंपोर्ट प्रभावित होगा
देश की ऑटो इंडस्ट्री में 25-30% टायर चीन से आते हैं। लेकिन, कोरोनावायरस की वजह से चीन में हुए लॉकडाउन की वजह से सप्लाई नहीं हो पाएगी। दूसरे देशों से इंपोर्ट करने में खर्च बढ़ेगा और वक्त भी ज्यादा लगेगा। एक्सपोर्ट की बात करें तो भारत से चीन को सिर्फ 0.5% ट्रांसपोर्ट इक्विपमेंट एक्सपोर्ट किए जाते हैं। जबकि, अमेरिका और यूरोप का शेयर 80% होता है। जबकि, पिछले वित्त वर्ष में भारत ने 8.6% ट्रांसपोर्ट इक्विपमेंट चीन से इंपोर्ट किए थे। चीन की इंडस्ट्री में अभी पूरी तरह काम शुरू नहीं हो पाया है। इसके पूरी तरह रिकवर होने में करीब 6 महीने और लगेंगे। ऐसे में देश की ऑटो इंडस्ट्री के करीब 800 करोड़ डॉलर (60 हजार करोड़ रुपए) के इंपोर्ट पर असर पड़ेगा। यह 2018-19 में हुए ट्रांसपोर्ट इक्विपमेंट इंपोर्ट का 40% होगा। पहले से ही मंदी से जूझ रही ऑटो इंडस्ट्री में कॉन्ट्रैक्चुअल वर्कफोर्स का रोजगार भी खतरे में है। ऑटो इंडस्ट्री में 50% कॉन्ट्रैक्चुअल वर्कर हैं।

ट्रांसपोर्ट इक्विपमेंट: पिछले 3 सालों में भारत का इंपोर्ट

साल इंपोर्ट (रुपए)
2016-17 1.60 लाख करोड़
2017-18 1.62 लाख करोड़
2018-19 1.84 लाख करोड़

पिछले 3 सालों में भारत का एक्सपोर्ट

साल एक्सपोर्ट
2016-17 1.43 लाख करोड़
2017-18 1.40 लाख करोड़
2018-19 1.50 लाख करोड़

2. एविएशन : लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी पैसेंजर नहीं बढ़ेंगे
देश में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन होने की वजह से एयरलाइंस के पास कैश की कमी हो गई है। लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी पैसेंजर की संख्या बहुत कम रहेगी, इसलिए किराए भी कम रखने होंगे। इन हालातों में चालू वित्त वर्ष (2020-21) में पैसेंजर ग्रोथ निगेटिव 20% से 25% तक जा सकती है। 2018-19 में पैसेंजर ग्रोथ 13.7% जबकि 2019-20 के 11 महीनों में 3.7% रही।

डोमेस्टिक एयरलाइंस

साल पैसेंजर ट्रैफिक पैसेंजर ग्रोथ
2018-19 12.9 करोड़ 15.1%
2019-20 13.4 करोड़ 3.7%

(आंकड़े अप्रैल से फरवरी तक)

3. होटल-टूरिज्म : औसत किराया 30% से 40% तक घटेगा
कोरोनावायरस की वजह से जनवरी-मार्च तिमाही होटल इंडस्ट्री के लिए पहले ही निराशाजनक रह चुकी है। इस साल होटल के कमरों की ऑक्यूपेंसी रेट में 40% कमी आ सकती है। अप्रैल-सितंबर में इसका ज्यादा असर रहेगा। कमरों के औसत किराए में 30% से 40% कमी आने की आशंका है। रेवेन्यू पर अवेलेबल रूम में इस साल करीब 58% से 64% कमी आएगी। देश में गर्मियों की छुट्टियों की ज्यादातर बुकिंग कैंसल हो चुकी हैं। 2018-19 में होटल इंडस्ट्री का रेवेन्यू 3.5% ग्रोथ के साथ 10 हजार 30 करोड़ रुपए रहा था। होटल्स के रेवेन्यू में विदेशी पर्यटकों, फूड एंड बेवरेजेज का ज्यादा शेयर रहता है। लेकिन, कोरोनावायरस की वजह से इस सेगमेंट पर काफी ज्यादा असर पड़ेगा।

साल रूम ऑक्यूपेंसी रेट एवरेज रूम रेट रेवेन्यू/अवेलेबल रूम
2018-19 66.7% 5,973 3,981
2020-21 40% 3,600-4,200 1,440-1,670

(रेवेन्यू पर अवेलेबल रूम और एवरेज रूम रेट रुपए में।2020-21 के आंकड़े अनुमानित)

दूसरी ओर टूरिज्म इंडस्ट्री को इस साल 1 लाख 25 हजार 550 करोड़ रुपए के रेवेन्यू का नुकसान होने का अनुमान है। 2019 में देश में 1.09 करोड़ विदेशी पर्यटक आए थे। इनसे 2 लाख 10 हजार 971 करोड़ रुपए की आय हुई थी।

4. मीडिया एंड एंटरटेनमेंट : विज्ञापन घटेंगे, रेवेन्यू में एडवरटाइजिंग का 45% शेयर
लॉकडाउन की वजह से डिजिटल, ऑनलाइन, गेमिंग, रेडियो और ओवर द टॉप (ओटीटी) जैसे सेगमेंट को फायदा होगा। लेकिन, टीवी, प्रिंट फिल्म-एंटरटेनमेंट, लाइव इवेंट और आउटडोर मीडिया को नुकसान होगा। मूवी थिएटर सेक्टर को हर महीने 5 हजार 800 करोड़ से 7 हजार 800 करोड़ रुपए के रेवेन्यू का नुकसान होने की आशंका है।
ओलंपिक, हॉकी प्रो-लीग, एशिया कप, आईपीएल जैसे इवेंट रद्द होने या आगे खिसकने से एडवरटाइजिंग इंडस्ट्री पर असर पड़ेगा। मीडिया-एंटरटेनमेंट सेक्टर के रेवेन्यू में एडवरटाइजिंग का 45% योगदान होता है। आईपीएल जैसे इवेंट कैंसिल होने से टिकट बिक्री की 120 करोड़ से 150 करोड़ रुपए की इनकम का नुकसान होगा।

5. ड्रग्स एंड फार्मा : सस्ता माल नहीं मिलेगा, एक्सपोर्ट भी घटेगा
भारतीय दवा कंपनियां की-स्टार्टिंग मटैरियल (केएसएम) और एक्टिव फार्मास्यूटिकल इंग्रीडिएंट (एपीआई) यानी कच्चे माल के लिए चीन पर निर्भर हैं। चीन में कोरोनावायरस के मामलों में कमी आने के बाद वहां की दवा फैक्ट्रियां शुरू तो हो गई हैं, लेकिन पूरी कैपेसिटी से काम नहीं कर रहीं। इसलिए भारत में अगले तीन महीनों तक सप्लाई पर असर पड़ेगा। यह सिलसिला 6 महीने भी चल सकता है। ऐसे में दवाएं महंगी होने की आशंका भी बढ़ जाएगी। कोरोनावायरस दुनियाभर में फैल चुका है। इसलिए, भारतीय दवा इंडस्ट्री के इंपोर्ट पर ही नहीं बल्कि एक्सपोर्ट पर भी असर पड़ेगा। देश की दवा इंडस्ट्री का 40% एक्सपोर्ट रेवेन्यू जिन देशों से आता है उनमें से कई देशों में लॉकडाउन की स्थिति है। ऐसे में दवा इंडस्ट्री एक्सपोर्ट से भी फायदा नहीं उठा पाएगी। सरकार ने 26 एपीआई के एक्सपोर्ट पर रोक भी लगा रखी है।

6. एजुकेशन: ज्यादा असर नहीं
लॉकडाउन का एजुकेशन सेक्टर पर ज्यादा असर नहीं होगा। क्योंकि, ज्यादातर संस्थान मार्च तक की फीस पहले ही ले चुके हैं। लेकिन, जिन संस्थानों में फीस कलेक्शन में देरी होती है और जो सरकारी मदद पर निर्भर हैं, उन पर असर पड़ने के आसार हैं। क्योंकि, केंद्र और राज्य सरकारें कोरोनावायरस से निपट रही हैं। स्कूलों में नया सेशन अप्रैल से शुरू होता है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से 14 अप्रैल तक स्कूल बंद हैं। लॉकडाउन और बढ़ता है तो फीस कलेक्शन नहीं होने की वजह से शॉर्ट टर्म में कैश की दिक्कत हो सकती है।

7. एफएमसीजी : मांग बढ़ने से फायदा होगा
कोरोनावायरस का संक्रमण फैलने और लॉकडाउन की वजह से ई-कॉमर्स कंपनियों और रोजाना जरूरत के सामान बनाने वाली एफएमसीजी कंपनियों की बिक्री बढ़ी है। जनवरी में कंज्यूमर गुड्स और फूड प्रोडक्ट्स कंपनियों का प्रोडक्शन भी बढ़ा था। सैनेटाइजर, क्लीनर, जैसी चीजों के प्रोडक्शन में जनवरी में 61% इजाफा हुआ। हेयर ऑयल के प्रोडक्शन में 13% जबकि शैंपू के प्रोडक्शन में 12% इजाफा हुआ। मूंगफली, सोयाबीन और रैपसीड ऑयल के प्रोडक्शन में 30% से 99% तक बढ़ोतरी हुई। मांग में लगातार तेजी की वजह से फरवरी और मार्च के आंकड़े भी ऐसे ही आने की उम्मीद है। इससे एफएमसीजी सेक्टर को फायदा होगा।

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Due to Corona, the Tourism industry will lose 1.25 lakh crore this year, FMCG sector benefits