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एलईडी बल्ब अगले महीने 10% महंगे हो सकते हैं, चीन से कंपोनेंट सप्लाई घटी

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नई दिल्ली. चीन में कोरोनावायरस का संक्रमण फैलने की वजह से भारत में वस्तुएं महंगी हो रही हैं। मार्च में एलईडी बल्ब 10% महंगे हो सकते हैं। इलेक्ट्रिक लैम्प एंड कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ईएलसीओएमए) ने चीन से सप्लाई घटने की वजह से कीमतें बढ़ने की आशंका जताई है। ईएलसीओएमए के वाइस प्रेसिडेंट सुमित पद्माकर जोशी ने बताया कि देश में एलईडी बल्ब मैन्युफैक्चरिंग में इस्तेमाल होने वाले 30% कंपोनेंट चीन से आते हैं, लेकिन अभी सप्लाई कम हो रही है। क्योंकि, कोरोनावायरस फैलने की वजह से चीन में प्रोडक्शन कम हो रहा है।

मैन्युफैक्चरर चीन से अलावा अन्य देशों से इंपोर्ट का विकल्प भी तलाश रहे
जोशी का कहना है कि सप्लाई में कमी की वजह से कनेक्टेड लाइटिंग सॉल्यूशंस और प्रोफेशनल लाइटिंग सेगेमेंट ज्यादा प्रभावित होगा। क्योंकि, इस सेगमेंट की इंपोर्टेड कंपोनेंट पर निर्भरता ज्यादा है। एलईडी मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ज्यादातर कंपनियों के पास फरवरी तक का स्टॉक है। मार्च से जो प्रोडक्ट बाजार में आएंगे उनकी कीमतें ज्यादा होंगी। उन्होंने बताया कि सप्लाई में कमी जनवरी में शुरू हो गई थी। इंडस्ट्री ने सोचा था कि थोड़े दिन में हालात सुधर जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हर हफ्ते स्टॉक घट रहा है। ऐसे में मैन्युफैक्चरर्स ताइवान, हॉन्गकॉन्ग और दक्षिण कोरिया से कंपोनेंट मंगवाने की विकल्प भी तलाश रहे हैं।

हालात सामान्य होने में 3-4 महीने लगेंगे
जोशी के मुताबिक मौजूदा हालात 15-20 दिन में सुधरने वाले नहीं हैं। कारखाने खुले हैं, लेकिन 100% क्षमता से काम नहीं हो रहा। पर्याप्त कर्मचारी भी नहीं हैं। स्थितियां सामान्य होने में 3-4 महीने लगेंगे। भारतीय उद्योगों के लिए यह समझने का वक्त है कि उन्हें कंपोनेंट के लिए लंबी अवधि में आत्मनिर्भर बनने की जरूरत है। सिर्फ लाइटिंग इंडस्ट्री को ही नहीं बल्कि दूसरे उद्योगों को भी इस बारे में सोचना चाहिए। सरकार को भी मेक-इन-इंडिया अभियान को तेजी से बढ़ाने की जरूरत है।

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चीन में कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों में प्रोडक्शन काफी कम हो रहा है।